सप्लाई शुरू होने से पहले ही लिकेज हुई पानी टंकी
जशपुरनगर (निप्र) । ग्राम पंचायत सारूडीह में प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्व पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लागू किए गए 'ग्रामीण नलजल योजना' का हाल बेहाल है। घटिया निर्माण का शिकार हुए इस पानी टंकी में पानी सप्लाई शुरू होने से पहले ही लिकेज हो चुकी है और टेस्टिंग के दौरान ही पाइप फट चुकी है। शासन द्वारा लाखों खर्च होने के बाद भी
जशपुरनगर (निप्र) । ग्राम पंचायत सारूडीह में प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्व पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लागू किए गए 'ग्रामीण नलजल योजना' का हाल बेहाल है। घटिया निर्माण का शिकार हुए इस पानी टंकी में पानी सप्लाई शुरू होने से पहले ही लिकेज हो चुकी है और टेस्टिंग के दौरान ही पाइप फट चुकी है। शासन द्वारा लाखों खर्च होने के बाद भी सारूडीह के ग्रामीण हैंडपंप से निकलने वाला प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है। गर्मी में कुंआ के सूख जाने से लोगों को पेयजल के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है।
जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत सारूडीह में लगभग 1 साल पहले पानी टंकी का निर्माण किया गया था। पीएचई विभाग के देखरेख में तैयार हुए इस पानी टंकी निर्माण में ठेकेदार द्वारा जमकर मनमानी की गई है। घटिया निर्माण सामग्री की वजह से टंकी से पानी सप्लाई शुरू होने से पहले ही लिकेज हो गया। लिकेज होने के कारण आज तक इस टंकी से पानी सप्लाई शुरू नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने बताया कि तकरीबन 6 माह पहले विभाग ने पानी सप्लाई शुरू करने के लिए विद्युत कनेक्शन लेने के बाद जैसे ही टंकी में पानी भरा गया, टंकी के चारो ओर पानी लिकेज होने लगा। लिकेज को देखते हुए विभाग से आए इंजीनियर ने सप्लाई की योजना को रद्द कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि टंकी के निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा की जा रही मनमानी से विभाग के अधिकारी पूरी तरह से आंख मूंदे रहे। ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से हुई इस धांधली का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। गांव के उपसरपंच अनिरूद्व सिन्हा ने बताया कि गर्मी के मौसम में पानी के लिए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होनें बताया कि बस्ती में पानी के लिए कुंआ और बोर दो प्रमुख साधन है। गांव के सभी हैंडपंप से काले रंग का प्रदूषित पानी निकलता है। इसलिए हैंडपंप ग्रामीणों के किसी काम नहीं आते, वहीं गर्मी के पहले दस्तक के साथ ही बस्ती के अधिकांश कुंए सूख जाते हैं। इस दौरान एक बाल्टी पानी लाने के लिए ग्रामीणों को एक किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है। आटापाट के घने जंगल के निकट स्थित सारूडीह जंगली हाथी प्रभावित क्षेत्र है। आए दिन इस गांव और आसपास के क्षेत्रों में हाथियों का कहर टूटता रहता है। ऐसे में पानी के लिए पदयात्रा करना ग्रामीणों के लिए जोखिम का काम होता है। लेकिन प्यास बुझाने के लिए खतरे के बावजूद पदयात्रा करना लोगों की मजबूरी है।घटिया निर्माण का भेंट चढ़े पानी टंकी का हैंडओवर भी पीएचई ने पंचायत को गुपचुप तरीके से कर दिया। पंचायत प्रतिनीधियों के मुताबिक टंकी को पंचायत को सौपने से पहले विभाग ने उसके टेस्टिंग भी नहीं की। इस कारण उन्हें लिकेज की जानकारी भी नहीं हो पाई। विदित हो की घटिया निर्माण को लेकर पहले भी सारूडीह पंचायत सुर्खियां बटोर चुका है। ग्रामीणों ने पंचायत में निर्मित नाला निर्माण में हुए धांधली सहित अन्य मामलों की शिकायत कलेक्टर जशपुर से की थी। ग्रामीणों की शिकायत पर अब भी प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पानी टंकी निर्माण पूरा होने के बाद पीएचई के अधिकारियों ने टंकी के पास स्थित एकमात्र हैंडपंप को उखाड़ दिया था। ग्रामीणों के मुताबिक हैंडपंप को उखड़ते वक्त विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों को भरोसा दिया था कि जल्द ही गांव में नल से पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी और उन्हें हैंडपंप की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। अब टंकी के फेल होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि विभाग और ठेकेदारों ने टंकी निर्माण के साथ पाइप फिटिंग में भी गड़बड़ी की है। पानी टंकी में सप्लाई से पहले पीएचई द्वारा टेस्टिंग के दौरान ही पाइप फट गए। जानकारों के मुताबिक पानी सप्लाई के लिए टंकी में जो पाइप लगाया गया था उसके मानक स्तर के न होने के कारण ही यह स्थिति निर्मित हुई। ग्रामीणों ने बताया कि पानी को लेकर हो तकलीफ को वे कई बार ग्रामसभा में उठा चुके हैं।इसके साथ ही सुराज अभियान में भी आवेदन दे चुके हैं। लेकिन अब तक पानी सप्लाई की व्यवस्था सुधारने की पहल नहीं हो सकी है।
एक साल से पानी टंकी बन कर तैयार है लेकिन अब तक सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। गर्मी के दौरान यहां पानी किल्लत का सामना करना पड़ता है। प्रशासन का ध्यान भी इस ओर आकृष्ट कराया जा चुका है। टंकी से पानी सप्लाई शुरू करने के लिए ठोस पहल होनी चाहिए।
अनिरूद्व सिन्हा,उपसरपंच,सारूडीह।
लगभग 6 माह पहले टंकी की जांच की गई थी। जांच में सब कुछ सही था। पंचायत द्वारा रुचि न लेने के कारण पानी सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है। एक सप्ताह के अंदर पानी सप्लाई शुरू कर दिया जाएगा।
जेएल लखेरा ईई पीएचई जशपुर
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