कुएं के समीप करीब आधा दर्जन जेसीबी मशीन से मिट्टी खुदाई का कार्य शुरू कराया गया, लेकिन रेतीली मिट्टी होने के कारण खुदाई के बाद फिर से मिट्टी धंस गई। इससे जेसीबी मशीनों को बंद करना पड़ा। इसके बाद ग्रामीणों ने देसी तकनीक से सीमेंट की रिंग डालकर कुंए से मिट्टी निकालने का कार्य शुरू किया, लेकिन सात घंटे बाद शाम पांच बजे तक भी युवक को बाहर नहीं निकाला जा सका। शाम को लालसोट विधायक डॅा. किरोड़ीलाल मीना ने भी मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया।
सिकंदरा थानाप्रभारी रामेश्वर बगडिय़ा ने बताया कि अगावली निवासी लोकेश (20) पुत्र कानाराम मीना सुबह करीब 10 बजे 45 फीट गहरे सूखे कुएं में बोरवेल का पाइप जोडऩे उतरा था। इस दौरान मिट्टी का ढहना शुरू हो गया। ग्रामीणों ने उसे रस्सों की सहायता से बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन रस्सा टूटने से सफलता नहीं मिल सकी। ऐसे में युवक मिट्टी के नीचे दब गया। सूचना पर मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने जेसीबी व एलएनटी मशीनों से बचाव कार्य शुरू कराया, लेकिन मिट्टी के बार-बार धंसने से सफलता नहीं मिली। देर शाम तक राहत कार्य जारी था।
देसी तकनीक का लिया सहारा रेतीली मिट्टी होने के कारण जेसीबी से खुदाई के दौरान मिट्टी वापस कुएं में धंसने लगी। ऐसे में दोपहर बाद जेसीबी मशीन से खुदाई कार्य रोक दिया गया। ग्रामीणों ने सीमेंट की रिंग डालकर कुएं का खुदाई कार्य शुरू किया गया। इससे मिट्टी का फिर से धंसना तो बंद हो गया, लेकिन कार्य में समय अधिक लगा। इससे देर शाम तक भी युवक को बाहर नहीं निकाला जा सका था।
हालत बिगड़ते देख एसडीएम दौड़े मशीन लेने बचाव कार्य के दौरान दोपहर में ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से एलएनटी मशीन मंगवाने की बात को उलझ गए। इस दौरान ग्रामीणों ने अधिकारियों से कहा कि जेसीबी व टै्रक्टर गांव वाले लेकर आए हैं लेकिन प्रशासन ने बचाव कार्य के लिए एक भी संसाधन उपलब्ध नहीं कराया। ग्रामीण सिकंदरा थाना प्रभारी से भी उलझ गए। इस बीच अधिकारियों ने एलएनटी मशीन मंगवाने के लिए दूरभाष पर सम्पर्क किया, लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका। हालत बिगड़ते देखकर सिकराय एसडीएम रतनलाल योगी एलएनटी लेने के लिए खुद कालवान रवाना हो गए। दोपहर बाद एलएनटी मशीन गांव पहुंची, लेकिन रास्ता अवरुद्ध होने के कारण मौके पर नहीं पहुंच सकी। इससे पहले ही मशीनों से खुदाई कार्य रोक दिया गया था।
परिजन हुए बेसुध कुएं में दबे युवक लोकेश के पिता की 20 वर्ष पूर्व ही बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। तीन भाइयों में लोकेश सबसे छोटा है। कुए में दबने के बाद परिजन बेसुध हो गए। चिकित्सकों ने उनका उपचार किया व ग्रामीण बार-बार ढांढस बंधा रहे थे। लोकेश बीए प्रथम वर्ष में पढ़ाई करता है। उसका विवाह भी नहीं हुआ है।
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