इमरजेंसी के दौरान किशोर कुमार के गानों पर क्यों लगा था बैन?
इमरजेंसी के समय उस वक्त के सबसे शक्तिशाली माध्यम ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर किशोर कुमार के गाने और फिल्मों को दिखा ...अधिक पढ़ें
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किशोर कुमार की आवाज का हर कोई दीवाना है. वह हिंदी सिनेमा की सुनहरी आवाज़ों में से एक हैं. लेकिन एक समय ऐसा था जब इस आवाज़ पर बैन लग गया था. उस वक्त के सबसे शक्तिशाली माध्यम ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर किशोर कुमार के गाने और फिल्मों को दिखाना और सुनाना बंद करने का आदेश दे दिया गया था.
बात इमरजेंसी के दौरान की है, जब विद्याचरण शुक्ल सूचना एवं प्रसारण मंत्री. वह संजय गांधी के खास और राइट हैंड तक कहे जाते थे. उस वक्त इंदिरा गांधी सरकार ने 20 सूत्रीय कार्यक्रम बनाया था. सरकार के लिए इसका प्रचार काफी अहम था. प्रचार में सहयोग के लिए बॉलीवुड कलाकारों के नामों की लिस्ट बनाई गई. इनमें एक किशोर कुमार का नाम भी था. किशोर कुमार की आवाज़ की लोकप्रियता से तो सभी वाकिफ हैं. मंत्रालय के तत्कालीन जॉइंट सेक्रेट्री सीबी जैन ने किशोर कुमार से संपर्क कर संदेश दिया कि सरकार की अपेक्षा है कि उसके कार्यक्रम के प्रचार के लिए किशोर अपनी आवाज़ देकर सहयोग करें. लेकिन किशोर कुमार ने इनकार कर दिया. सेहत से जुड़े कारण बताते हुए किशोर ने सरकार का प्रचार नहीं किया.
किशोर कुमार का ये जवाब जैन ने अपने बॉस यानी मंत्रालय के सचिव एसएमएच बर्नी के सामने कड़े शब्दों में पेश किया. बर्नी ने मंत्री शुक्ल से बातचीत की और आखिरकार नतीजा ये हुआ कि शुक्ल के आदेश पर किशोर कुमार के गाने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर प्रसारित न किए जाने का आदेश दे दिया गया. साथ ही, जिन फिल्मों में किशोर कुमार बतौर अभिनेता दिखे थे, उनके प्रसारण पर भी रोक लगा दी गई. यही नहीं, बल्कि किशोर कुमार के गानों के ग्रामोफोन रिकॉर्ड्स की बिक्री भी प्रतिबंधित कर दी गई थी.
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