बड़े वार्डों पर पड़ेगा विभाजन का असर
जुलाई 2015 में वार्डों के पुनर्गठन के बाद 69 हजार 153 मतदाताओं ने अगस्त में नगर परिषद चुनाव में शहरी सरकार को चुना था। वार्डों के विभाजन का सबसे ज्यादा असर 1500 से अधिक मतदाता संख्या वाले वार्डों पर पड़ सकता है। कई वार्डों का क्षेत्रफल काफी बड़ा है और मतदाताओं की संख्या 2 हजार से ऊपर तक है, ऐसे में उन वार्डों से दो वार्ड बनाए जाने तय है। इनमें वार्ड संख्या 2, 4, 13,18,21,22,34,35,36,37,38,40 व 43 शामिल है। इसके अलावा करीब 1 लाख 5 हजार से अधिक की जनसंख्या के अनुपात में वार्डों की संख्या 60 होने पर एक वार्ड में 1700 मतदाता होंगे। ऐसे में वर्तमान में अधिक मतदाताओं वाले वार्डों पर ही असर पड़ेगा।
बाहरी क्षेत्र में बनेंगे ज्यादा वार्ड
परिसीमन के आदेश के बाद पत्रिका टीम ने वार्डो के क्षेत्रफल व आबादी के अनुपात को देखा तो कई तथ्य सामने आए हैं। एक्सपर्ट के अनुसार शहर की बाहरी कॉलोनियों में नए वार्ड ज्यादा बनने की सबसे ज्यादा संभावना है। शहर में नए परिसीमन के बाद वार्डो की औसत आबादी 1500 से 2 हजार तक होगी। शहर में नए वार्ड बनने से लगभग 15 वार्डो की सीमाएं ज्यादा प्रभावित होंगी। वर्तमान में वार्ड 2 में 1609, 4 में 1855, 13 में 1687, 18 में 2019, 21 में 1713, 22 में 1694, 34 में 1738, 35 में 2017, 36 में 2060, 37 में 1936, 38 में 2033, 40 में 1834 व 43 में 1805 मतदाता है। शाहर में छोटे-छोटे वार्ड होने से विकास को गति मिलेगी व लोगों के काम आसानी से होंगे।
नगर परिषद चुनाव 2015 एक नजर में
वार्ड 15 में सबसे ज्यादा 2128 वोटर
वार्ड 15 में सबसे ज्यादा 1046 महिला वोटर
वार्ड 31 में सबसे कम 840 मतदाता
वार्ड 31 में सबसे कम 375 महिला वोटर