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नागौर

सावधान कहीं…! कहीं आप मिलावटी दूध तो नहीं पी रहे

Patrika news. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ढाई साल में दुग्ध की जांच में 43 में से 15 नमूने प्रयोगशाला में फेल, गुणवत्ता विहीन पा गए दूध. patrika news

नागौरFeb 19, 2020 / 11:36 am

Sharad Shukla

Be careful somewhere ...! Are you not drinking adulterated milk

Be careful somewhere …! Are you not drinking adulterated milk

नागौर. सावधान कहीं, शुद्ध दूध के नाम पर आप गुणवत्ता विहीन दुग्ध का सेवन तो नहीं कर रहे। इसमें दूध जहरीला तो नहीं रहता है, लेकिन कोई गुणवत्ता भी नहीं रहती है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ढाई साल में लिए दुग्ध के 43 में से 15 नमूने इस पर खरे नहीं उतरे हैं। प्रयोगशाला में जांच के दौरान इनमें न तो फैट मिला, और न ही शरीर की आवश्यकता की पूर्ति करने वाले आवश्यक तत्व।
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दूध में पानी की मिलावट किसी भी व्यक्ति को सामान्य बात लग सकती है लेकिन यह सभी तरह की मिलावट में सबसे खतरनाक है। ज्यादातर इसमें दूषित पानी की मिलावट से दुग्ध भी जहरीला हो जाता है। घरों में दुधियों की ओर से दुग्ध की आपूर्ति जिले में काफी मात्रा में की जाती है। दूधियों की संख्या जिले में कितनी है, खुद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को नहीं पता, लेकिन विभिन्न दुग्ध संग्रहण केन्द्रों एवं दुकानों पर मिले दुग्ध के 15 नमूने फेल पाए गए। यानि की आपूर्ति हुए दुग्ध में से 40 प्रतिशत से दुग्ध गुणवत्ता विहीन मिले। विभाग की ओर से इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई तो हुई, मगर इसके बाद भी दुग्ध की गुणवत्ता का स्तर नहीं बढ़ा।
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साफ-सफाई का नहीं रखते ध्यान
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार बड़े पैमाने पर दूध उत्पादन असंगठित क्षेत्र द्वारा किया जाता है जिनमें छोटे ग्वाले या दूधवाले शामिल हैं वे अक्सर दूध को उपभोक्ता तक पहुंचाने में साफ-सफाई का विशेष ख्याल नहीं रखते हैं। यही नहीं, कई बार अच्छा दूध मिलने के बाद भी दुकानों या अन्य जगहों पर मिलावटखोर जहां जानबूझकर दूध की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं। हालांकि यह भी कहा जा सकता है कि ये छोटे दूधवाले दूध के संरक्षण की सही प्रक्रिया से ही अनजान होने के कारण जिस तरह से वे दूध ग्राहक तक पहुंचाते हैं वह दोषपूर्ण है।
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उपभोक्ताओं पर भारी मिलावट
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए उसमें मिलाया जाने वाला पानी अमूमन दूषित होता है जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा घातक है। जब दूध में पानी की मिलावट रहती है तो उसका स्वाद बदल जाता है। ऐसे दूध को जब गर्म किया जाता है तो कितना भी गर्म करने पर वह बर्तन से बाहर नहीं आता है। यही नहीं, कई बार दूध में गाढ़ापन लाने के लिए इसमें अन्य चीजों का भी मिश्रण कर दिया जाता है, जो काफी खतरनाक होता है। लेकिन विभागीय जांच में ऐसे तत्वों के मिलने की पुष्टी नहीं हुई है। जांच के दौरान केवल गुणवत्ता से शून्य पाया है।
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इनका कहना है…
विभाग के खाद्य निरीक्षक को खाद्य पदार्थों के संदर्भ में आवश्यक रूप से अभियान स्तर पर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. सुकुमार कश्यप, सीएमएचओ नागौर
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