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- Kumbh Mela Delegates From 37 Countries Will Express Their Love To Rivers To Save Them
37 देशों से आए योगियों का समागम; संगम तट पर नदियों को बचाने के लिए होगा प्रेम का इजहार
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- परमार्थ निकेतन शिविर में अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव शुरू
- योगगुरू बाबा रामदेव, स्वामी चिदानन्द सरस्वती, फिल्म निर्माता सुभाष घई आदि ने दीप प्रज्जवलित कर किया महोत्सव का किया शुभारम्भ
- नदी बचाओ अभियान से जुड़े लोग आज नदी को भेंट करेंगे गुलाब
प्रयागराज. कुंभनगरी में अरैल स्थित परमार्थ निकेतन शिविर में सात दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय योग शिविर का आयोजन किया गया। योग गुरू बाबा रामदेव, परमार्थ निकतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती, फिल्म निर्माता सुभाष घई, गायिका मालिनी अवस्थी आदि अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर योग महोत्सव का शुभारम्भ किया। इसमें 37 देशों से आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
सुबह से सायंकालीन सत्र में योग, ध्यान, योग निद्रा, मुद्रा और आसनों का अभ्यास योगाचार्यो ने कराया। स्वामी चिदानन्द ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम को साकार करने के लिए योग एक प्रयोग है। योग, व्यक्ति को योग्य बनाता है और उस योग्यता का उपयोग समाज के लिए, पर्यावरण के लिए, नदियों व पूरी धरती को प्रदूषण मुक्त करने के लिए करें। आज योग की शक्ति को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है, उन्होने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को दिया।
योगगुरू बाबा रामदेव ने कहा कि, योग, रोगों से मुक्ति का माध्यम है। योग के माध्यम से हम परमपिता परमात्मा की निकटता प्राप्त कर सकते है। हमारे हर कर्म में, जीवन में योग का समावेश होना चाहिए। जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती जी ने कहा कि, योग अर्थात जोड़ना। योग पूरी दुनिया को आपस में जोड़ता है। सुभाष घई ने कहा कि मैं 32 वर्षो से योग कर रहा हूं। योग के द्वारा आप अपने समाज को और बेहतर दे सकते हैं। इस दौरान सभी अतिथियों ने विश्व शान्ति यज्ञ में आहूतियां प्रदान की तथा विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने मनाया सांस्कृतिक कुंभ
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के शिविर में संस्कार और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। संस्थान गुरुदेव आशुतोष महाराज के सानिध्य में यहां बुधवार रात अध्यात्मिक गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक जाग्रति का सन्देश देती सांस्कृतिक कार्यशालाओं का मंचन किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूल व कॉलेज के छात्र, शिक्षक वर्ग, सामाजिक समूह एवं मेडिकल जगत के लोगों ने हिस्सा लिया।
नदी को गुलाब देकर अपनी मोहब्बत का किया इजहार
सूख रही नदियों के अस्तित्व को बचाने के लिए छोटी नदियों के शिविर में बुधवार को जलकथा आरंभ हुई। शिविर में देश की 108 नदियों का जल, मिट्टी लाकर उसके कलश स्थापित किए गए। अभियान के संयोजक ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, स्वीडन से आए चित्रकार एके डगलस और नेपाल की कमला नदी के तट से आए बिक्रम यादव समेत एक दर्जन लोग शिविर में आने वाले युवाओं, कल्पवासियों के बीच यह कथा कहने में जुटे हैं। संयोजक ने बताया कि गुरुवार को छोटी नदी बचाओ अभियान के कार्यकर्ताओं ने नदी को गुलाब देकर उसके प्रति अपनी मोहब्बत का इजहार किया।