फैक्ट्री की छत पर स्कीइंग स्लोप बनाया ताकि कचरे से बिजली बनाने वाले प्लांट से परेशानी न हो

5 वर्ष पहले
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  • इस आर्टिफिशियल स्कीइंग स्लोप का नाम कोपेनहिल, इसे बनाने पर 73 करोड़ रु. का खर्च आया
  • इसे बनाने का मकसद था- लोग प्लांट से नफरत न करें, योजना कामयाब रही
  • अब लोगों का ध्यान फैक्ट्री पर नहीं, स्लोप पर ज्यादा

कोपेनहेगन. डेनमार्क की राजधानी में कचरे को ऊर्जा में बदलने वाला प्लांट लगाया गया है। लोगों को इस प्लांट से दिक्कत न हो, लिहाजा इसकी छत पर लोगों के आनंद के लिए एक आर्टिफिशियल स्कीइंग स्लोप बनाया गया है। इस स्लोप को कोपेनहिल नाम दिया गया है।

1) ज्यादा से ज्यादा लोग स्लोप पर जाना चाहते हैं

जिस फैक्ट्री पर स्लोप बनाया गया है, उसका नाम एमगर बेके है। ओले फ्रेड्सलुंड कहते हैं कि मैं फैक्ट्री के सबसे पास रहता हूं। मैंने स्लोप को बनते देखा है। मंगलवार से ही स्लोप शुरू हुआ है। मैं अपने दोनों बेटों को इस पर फिसलने के लिए भेज रहा हूं। मजेदार बात यह रही कि 90% लोग यही चर्चा कर रहे थे कि स्कीइंग स्लोप कब बनेगा। प्लांट पर किसी का ध्यान ही नहीं गया।

प्लांट पर स्कीइंग स्लोप बनाने का काम डेनिश आर्किटेक्चर फर्म बार्के इंगेल ग्रुप (बीआईजी) ने किया है। टाइम मैगजीन ने 2011 में इस काम को दुनिया के दुनिया के 50 इनोवेटिव आइडिया में शामिल किया था। दो साल पहले इसके आर्किटेक्चरल मॉडल को न्यूयॉर्क के म्यूजियम ऑफ मॉडर्न आर्ट में भी रखा गया था।

बिल्डिंग में पहले एल्यूमीनियम लपेटा गया था जो बाद में हरियाली के रूप में बदल जाएगा। मूल योजना में चिमनी से कई टन कार्बनडाइऑक्साइड निकाली जानी थी लेकिन बाद में इसे भी बदल दिया गया। प्रोजेक्ट मैनेजर पैट्रिक गुस्ताफसन के मुताबिक- बीआईजी के वास्तुशिल्प स्केच को वास्तविकता में बदलना चुनौतीपूर्ण रहा। हमें यह साबित करना था कि यह एक मजबूत विचार था न कि महज एक शानदार योजना। इससे पहले किसी ने ऐसे काम को अंजाम नहीं दिया।

गुस्ताफसन कहते हैं- छत का ढाल काफी तीखा है। स्कीइंग के लिहाज से भी यह काफी खड़ा ढाल है। इसका झुकाव 45% है। आप ज्यादा खुदाई नहीं कर सकते, आपको इस पर रुकने का तरीका खोजना पड़ेगा। इसके लिए पेड़-पौधों की भी मदद लेनी होगी। हालांकि यह जटिल प्रक्रिया है।

इस स्कीइंग स्लोप पर अब तक 92 मिलियन डेनिश क्रोनर (करीब 73 करोड़ रुपए) खर्च हो चुके हैं। स्लोप को फिलहाल हफ्ते में दो दिन के लिए खोला जा रहा है। मई तक यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा।

कोपेनहिल (स्कीइंग फैसिलिटी) के चीफ एग्जीक्यूटिव क्रिश्चियन एंगेल्स कहते हैं कि हम यहां आल्प्स जैसी सुविधाएं देना चाहते हैं। इसके फुल पैकेज में लोगों को 4-5 घंटे की स्कीइंग का मजा मिलेगा।

फैक्ट्री के 150 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को स्कीइंग स्लोप के शुरू होने के दो दिन पहले सूचना दी गई थी। साथ ही उन्हें आधी कीमत में टिकटें भी ऑफर की गई थीं। कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी में लेक्चरर रिकार्डो कारम ने कहा कि स्लोप पर लोगों को जाना चाहिए। मुझे लगता है कि एक दिन जब सब खत्म हो जाएगा, यह काफी बेहतर साबित होगा।

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