कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे रविंद्र के मौसेरे भाई पुत्तू दर्जी पुत्र बाबूराम दर्जी ने एक दूसरे के साथ बैठकर शराब पी। इसी दौरान किसी बात को लेकर दोनों में मुंहवाद शुरू हो गया। देर रात करीब 11 बजे पुत्तू दर्जी अपने घर चला गया। लगभग एक से डेढ़ घंटे बाद पुत्तू फिर से रविंद्र दर्जी के घर पहुंचा और मुंहवाद को लेकर शोरशराबा करने लगा।
इसी दौरान रविंद्र दर्जी ने तैश में आकर डंडा उठाकर न केवल उसके पैर में बल्कि सिर में भी मार दिया। पुत्तू दर्जी की मौके पर ही मौत हो गई। इससे पूर्व के आरोपी फरार हो पाता पुलिस ने उसे दबोच लिया। आरोपी के कब्जे से वारदात में उपयोग किया गया डंडा भी जब्त कर लिया है।