पंचायत परिवर्तन का विरोध
उधर, सोमवार को ग्राम पंचायत अलतवा के ग्राम पालड़ी महेश के ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर प्रस्तावित परिसीमन में ग्राम पालड़ी महेश को अलतवा से अलग कर अन्य ग्राम पंचायत में शामिल नहीं करने की मांग की है। शंकरलाल विश्नोई, हजारीराम, कालूराम, महीराम समेत अन्य ने ज्ञापन में कहा है कि अलतवा गांव से महज दो किमी दूर है जबकि अन्य पंचायतों की दूरी 10 किमी है। अधिकांश लोगों की अलतवा में ही खातेदारी भूमि है। भौगोलिक दृष्टि को मद्देनजर रखते हुए गांव पालड़ी महेश को ग्राम पंचायत अलतवा में ही रखा जाए।
नई पंचायत बनाने की मांग
इटावाबामणिया(गच्छीपुरा) को पंचायत समिति बनाने की मांग कर ग्रामीणों ने कलक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में लिखा है कि पंचायती राज संस्थाओं के परिसीमन के दौरान भौगोलिक दृष्टि से मकराना पंचायत समिति में शामिल ग्राम पंचायतों की दूरी 40 से 50 किमी है जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। आम जन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए गच्छीपुरा को पंचायत समिति बनाने की मांग की है। इसी प्रकार घोड़ारण के ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर ग्राम पंचायत ऊंटवालिया में शामिल गांव घोड़ारण के साथ सारणवास व सुभाषपुरा को मिलाकर नई ग्राम पंचायत बनाने की मांग की है।
वार्ड परिसीमन को लेकर 15 आपत्तियां दर्ज
स्वायत्त शासन विभाग के निर्देशानुसार वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानते हुए नगर परिषद नागौर के वार्डों का पुर्नगठन व पुर्नसीमांकन को लेकर आपत्तियां प्राप्ति के अंतिम दिन सोमवार तक 10 दिनों में अलग-अलग वार्ड क्षेत्र के नागरिकों ने आपत्तियां दर्ज करवाई है। नगर परिषद आयुक्त जोधाराम विश्नोई ने बताया कि नगर परिषद वार्ड परिसीमन की घोषणा के तहत वार्डों की संख्या बढ़ाकर 45 से 60 की गई थी। आम सूचना प्रकाशित कर 15 जुलाई तक आपत्तियां आमंत्रित की गई थी। जिसके तहत नगर परिषद में पिछले 10 दिनों में विभिन्न वार्डों से कुल 15 आपत्तियां प्राप्त हुई है। 23 जुलाई तक आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा।