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सांसद बेनीवाल का महापड़ाव, बोले – अब ज्ञापन देकर नहीं जाएंगे, मांगें मानने पर ही उठेंगे

locationनागौरPublished: Aug 30, 2019 06:42:10 pm

Submitted by:

shyam choudhary

MP Beniwal said – now will not go by giving memorandum, will rise only after accepting demands मांगों पर नहीं बनी सहमति, सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में पशु प्रदर्शनी स्थल पर डाला अनिश्चितकालीन महापड़ाव, अजमेर संभागीय आयुक्त एलएन मीणा व आईजी संजीब कुमार नार्जरी ने डाला नागौर में डेरा, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार को दी चेतावनी है, बंजारों का पुनर्वास करें अन्यथा परिणाम भुगतने पड़ेंगे

MP Beniwal said - now will not go by giving memorandum

Indefinite encampment

MP Beniwal said – now will not go by giving memorandum, will rise only after accepting demands नागौर. ताऊसर ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि पर अतिक्रमण हटाने के बाद बेघर हुए बंजारा जाति के लोगों के पुनर्वास व नागौर एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में गुरुवार को पशु प्रदर्शनी स्थल पर जनसभा दिनभर चली। जनसभा के बाद सांसद बेनीवाल के नेतृत्व में प्रशासन की ओर से आए सीईओ जवाहर चौधरी को मांग पत्र सौंपा गया, जिस पर देर शाम तक सहमति नहीं बनने पर बेनीवाल ने अनिश्चितकालीन महापड़ाव Indefinite encampment की घोषणा कर दी। महापड़ाव में शामिल लोगों के लिए पशु प्रदर्शनी स्थल पर खाने व बिस्तरों की व्यवस्था की गई।
सांसद बेनीवाल ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी, तब तक वे उठेंगे नहीं। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि बंजारों का पुनर्वास करें, नहीं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहे। तीन दिन पूर्व कलक्ट्रेट के सामने अधिकारियों द्वारा सहमति जताने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं करने पर सांसद ने कहा कि इस बार ज्ञापन देकर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि थूक कर चाटने वाले अधिकारियों को सरकार हमारे पास नहीं भेजे। जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी, तब तक वे यहां से उठेंगे नहीं।
एक करोड़ देने की घोषणा
सांसद बेनीवाल ने कहा कि सरकार जोधपुर के सामड़ाऊ की तरह पैकेज की घोषणा करे। इसके बाद वे एक करोड़ रुपए सांसद कोष से दे देंगे। यदि सरकार अनुमति देगी तो विधायकों से भी कुछ राशि दिलवाएंगे। उन्होंने बंजारा समाज को आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार यदि पैकेज नहीं देगी तो वे झोली लेकर घूमेंगे और चंदा एकत्र कर मकान बनाएंगे।
एक स्वर में की बंजारों का पुनर्वास करने की मांग
जनसभा को नागौर विधायक मोहनराम चौधरी, मकराना विधायक रूपाराम मुरावतिया, मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी, भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग, ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरसिंह तिलावत, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश बंजारा, भाजपा के जिलाध्यक्ष रमाकांत शर्मा, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण मुण्डेल, पूर्व सभापति बिरदीचंद सांखला, पाली प्रधान श्रवण बंजारा, खींवसर प्रधान पूनाराम मेघवाल, भागीरथ नैण सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने जनसभा में पुलिस एवं प्रशासन को खरी-खरी सुनाते हुए बंजारा जाति के लोगों का पुनर्वास करने सहित अन्य मांगें रखी।
पूर्व सांसद को खुली चुनौती
पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा द्वारा बुधवार को सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट का जवाब देते हुए कहा कि फेसबुक से राजनीति नहीं होती, जमीन पर संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने पूर्व सांसद को खुली चुनौती देते हुए कहा कि खींवसर विधानसभा में उप चुनाव है, हिम्मत है तो चुनाव लड़े।
संभागीय आयुक्त व आईजी पहुंचे नागौर
बंजारों के पुनर्वास सहित अन्य मांगों को लेकर सांसद बेनीवाल ने नेतृत्व में गुरुवार को आयेाजित जनसभा के चलते अजमेर संभागीय आयुक्त एलएन मीणा व आईजी संजीब कुमार नार्जरी नागौर पहुंचे तथा सर्किट हाउस में बैठकर दिनभर पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी। शाम को जनसभा के बाद जिला परिषद सीईओ जवाहर चौधरी पशु प्रदर्शनी स्थल पहुंचे तथा मांग पत्र लेकर अधिकारियों को दिया। जिसके बाद अधिकारियों ने मांग पत्र सरकार को भी भिजवाया। इसके बाद अजमेर से आए दोनों अधिकारियों ने जिला कलक्टर दिनेश यादव के साथ चर्चा की। उधर, आगे के आंदोलन की रणनीति को लेकर पशु प्रदर्शनी स्थल सांसद हनुमान बेनीवाल व बंजारा समाज के बीच हुई चर्चा के बाद पड़ाव डालने का निर्णय लिया गया।
ये हैं मांगें

सरकार को भेजा मांग पत्र
सांसद बेनीवाल की ओर से जिला प्रशासन को सौंपे गए मांग पत्र को लेकर जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि मुख्य मांग बंजारा जाति के लोगों के पुनर्वास की, जो हाईकोर्ट की अनुमति के बाद ही मानी जा सकती है। शेष मांगें सरकार के स्तर की है, इसलिए हमने मांग पत्र सरकार को भिजवा दिया है। उधर, गुरुवार को अतिक्रमण मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई थी, जहां प्रशासन को पुनर्वास के लिए अर्जी पेश करनी थी, लेकिन प्रशासन प्रस्ताव बनाकर अर्जी पेश नहीं कर पाया।
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