सांसद बेनीवाल ने कहा कि सरकार जोधपुर के सामड़ाऊ की तरह पैकेज की घोषणा करे। इसके बाद वे एक करोड़ रुपए सांसद कोष से दे देंगे। यदि सरकार अनुमति देगी तो विधायकों से भी कुछ राशि दिलवाएंगे। उन्होंने बंजारा समाज को आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार यदि पैकेज नहीं देगी तो वे झोली लेकर घूमेंगे और चंदा एकत्र कर मकान बनाएंगे।
जनसभा को नागौर विधायक मोहनराम चौधरी, मकराना विधायक रूपाराम मुरावतिया, मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी, भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग, ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरसिंह तिलावत, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश बंजारा, भाजपा के जिलाध्यक्ष रमाकांत शर्मा, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण मुण्डेल, पूर्व सभापति बिरदीचंद सांखला, पाली प्रधान श्रवण बंजारा, खींवसर प्रधान पूनाराम मेघवाल, भागीरथ नैण सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने जनसभा में पुलिस एवं प्रशासन को खरी-खरी सुनाते हुए बंजारा जाति के लोगों का पुनर्वास करने सहित अन्य मांगें रखी।
पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा द्वारा बुधवार को सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट का जवाब देते हुए कहा कि फेसबुक से राजनीति नहीं होती, जमीन पर संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने पूर्व सांसद को खुली चुनौती देते हुए कहा कि खींवसर विधानसभा में उप चुनाव है, हिम्मत है तो चुनाव लड़े।
बंजारों के पुनर्वास सहित अन्य मांगों को लेकर सांसद बेनीवाल ने नेतृत्व में गुरुवार को आयेाजित जनसभा के चलते अजमेर संभागीय आयुक्त एलएन मीणा व आईजी संजीब कुमार नार्जरी नागौर पहुंचे तथा सर्किट हाउस में बैठकर दिनभर पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी। शाम को जनसभा के बाद जिला परिषद सीईओ जवाहर चौधरी पशु प्रदर्शनी स्थल पहुंचे तथा मांग पत्र लेकर अधिकारियों को दिया। जिसके बाद अधिकारियों ने मांग पत्र सरकार को भी भिजवाया। इसके बाद अजमेर से आए दोनों अधिकारियों ने जिला कलक्टर दिनेश यादव के साथ चर्चा की। उधर, आगे के आंदोलन की रणनीति को लेकर पशु प्रदर्शनी स्थल सांसद हनुमान बेनीवाल व बंजारा समाज के बीच हुई चर्चा के बाद पड़ाव डालने का निर्णय लिया गया।
सांसद बेनीवाल की ओर से जिला प्रशासन को सौंपे गए मांग पत्र को लेकर जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि मुख्य मांग बंजारा जाति के लोगों के पुनर्वास की, जो हाईकोर्ट की अनुमति के बाद ही मानी जा सकती है। शेष मांगें सरकार के स्तर की है, इसलिए हमने मांग पत्र सरकार को भिजवा दिया है। उधर, गुरुवार को अतिक्रमण मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई थी, जहां प्रशासन को पुनर्वास के लिए अर्जी पेश करनी थी, लेकिन प्रशासन प्रस्ताव बनाकर अर्जी पेश नहीं कर पाया।