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- 10 Years Ago, 10 Years Ago, To Beat Sainaghati Hill, Now The Villages Are Bringing Greening Plants In 81 Villages
साेनाघाटी की पहाड़ी काे हरा करने 2 साल पहले 10 लाेगाें ने की शुरुआत, अब 81 गांवों में पौधे लगाकर ला रहे हैं हरियाली
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- 2017 में शुरू हुआ था गंगावतरण अभियान, कवि भवानी प्रसाद मिश्र की सतपुड़ा के घने जंगल कविता को जीवित रखने के लिए शुरू किया अभियान
बैतूल. जिस पहाड़ी पर बैठकर पं. भवानी प्रसाद मिश्र ने सतपुड़ा के घने जंगल, ऊंघते अनमने जंगल कविता की रचना की थी। उसी सोनाघाटी की बंजर हाे चुकी पहाड़ी को हरा-भरा करने के लिए 2 साल पहले 10 लोगों ने गंगावतरण अभियान की शुरुआत की थी। अब अभियान में 6 हजार से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। अब केवल सोनाघाटी की पहाड़ी ही नहीं, बल्कि गांवों की पहाड़ियों को भी हरा-भरा करने के अभियान ने जोर पकड़ लिया है। जिले के 81 गांवों में 2 हजार खंती खोदकर पौधे लगाए जा चुके हैं।
ऐसे हुई थी गंगावतरण अभियान अभियान की शुरुआत
गंगावतरण अभियान के संयोजक तथा भारत-भारती आवासीय विद्यालय के सचिव मोहन नागर ने बताया जिले में फोरलेन बनने के बाद सोनाघाटी की पहाड़ी को दो भागों में बांटा गया था। जिले में लगातार बारिश कम होती गई, जो चिंता का विषय बन गया था। 2017 में शहर के संजीव शर्मा, कैलाश वर्मा, बुधपाल सिंह ठाकुर, मोतीलाल कुशवाह सहित 10 लोगों ने सोनाघाटी की पहाड़ी पर हरियाली लाने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। 2 सालों में अभियान से कई समिति, संस्था, ग्रामीण सहित नागरिक जुड़ गए, जिनकी संख्या 6 हजार पर पहुंच गई है।
लगाए 2 हजार पौधे 1500 जीवित बचे
गंगावतरण अभियान में सोनाघाटी में अब तक 1800 खंती खोदकर उसमें करीब 2 हजार पौधे लगाए हैं। इनमें से वर्तमान में 1500 पौधे जीवित हैं। इस साल कुल तीन हजार खंती करने का लक्ष्य रखा है। खंती खोदने के बाद बारिश के दौरान इनमें पौधे लगाए जाएंगे। रविवार को भी 65 महिलाओं ने 15 खंती खोदी।
अब गांवों में भी पहुंच रहा हरियाली अभियान
जिले में लगातार कम हो रही बारिश और पृथ्वी का संतुलन बनाने के लिए गंगावतरण अभियान गांवों में भी पहुंच रहा है। अब तक जिले के 81 गांवों के ग्रामीण अभियान से जुड़ चुके हैं। इन गांवों में ग्रामीणों ने 2 हजार खंती खोदकर पौधरोपण किया है। गांवों में भी पहाड़ी और खेतों के पास खंती खोदकर पौधे लगाए जा रहे हैं। मोहन नागर ने बताया गांवों में अभियान चलाने के लिए 1200 को लोगों को खंती खोदने का प्रशिक्षण दिया है। आगे 481 गांवों को जोड़ना लक्ष्य रखा है।