सुबह 11 बजे जो कार्यक्रम शुरू होना था, वह ठीक करीब डेढ़ घंटे विलम्ब से साढ़े बारह बजे शुरू हुआ। मगर कटारिया समय पर कार्यक्रम स्थल के बाहर पहुंच गए थे और वहां एक दुकान पर बैठ कर भीड़ जुटाने का इंतजार करते रहे। बाद में उन्होंने पांडाल में पहुंचने से पहले प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कटारिया ने संबोधन में कहा कि ‘कार्यकर्ता मुझे कह रहे थे कि भीड़ छंट जाएगी, तो मैंने कहा कि छंट जाने दो, लेकिन मैं अपनी बात कह कर रहूंगा।’ कार्यक्रम में जिला प्रभारी मंत्री धनसिंह रावत, सांसद अर्जुनलाल मीणा, जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, विधायक फूलसिंह मीणा, दलीचंद डांगी, प्रतापलाल गमेती, रणधीरसिंह भींडर, नानालाल अहारी,अमृतलाल मीणा, हीरालाल दरांगी, न.नि. के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी व न्यास अध्यक्ष रवीन्द्र श्रीमाली ने भी कार्यक्रम में सरकार की उपलब्धियां गिनाई। इस अवसर पर जिला कलक्टर सहित जिला अधिकारी मौजूद थे।
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पांडाल में मौजूद अधिकतर लोग ऐसे थे, जो पुरस्कार लेने आए थे। जैसे ही उनका नाम पुकारा गया और उन्हें पुरस्कार मिला, वे पांडाल छोड़ गए। हालांकि उनके पांडाल छोडऩे से पहले अधिकतर विधायक व पदाधिकारी अपनी बात रख चुके थे।
पांडाल में मौजूद अधिकतर लोग ऐसे थे, जो पुरस्कार लेने आए थे। जैसे ही उनका नाम पुकारा गया और उन्हें पुरस्कार मिला, वे पांडाल छोड़ गए। हालांकि उनके पांडाल छोडऩे से पहले अधिकतर विधायक व पदाधिकारी अपनी बात रख चुके थे।
मंच पर बोतलबंद पानी और नीचे…
कुर्सी व मंच पर बैठे नेताओं और अधिकारियों के लिए तो बोतलबंद पानी की व्यवस्था की गई थी, लेकिन आमजन के लिए पांडाल में पानी की कोई व्यवस्था नहीं रखी गई थी।
कुर्सी व मंच पर बैठे नेताओं और अधिकारियों के लिए तो बोतलबंद पानी की व्यवस्था की गई थी, लेकिन आमजन के लिए पांडाल में पानी की कोई व्यवस्था नहीं रखी गई थी।