मुफ्त शिक्षा
स्वयं के पाठ्यक्रम मुफ्त में उपलब्ध हैं। हालांकि प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाले छात्र पंजीकृत होंगे। पाठ्यक्रम के सफल समापन पर एक प्रमाणपत्र की पेशकश की जाएगी, तो थोड़ा शुल्क कोर्स पूरा होने पर चुकाना होगा। रिकॉर्ड यूजीसी के माध्यम से रखा जा रहा है। एमएचआरडी, अखिल भारतीय तकनीकी परिषद, माइक्रोसॉफ्ट , एआईसीटीई के माध्यम से इसे तैयार किया है। स्कूली, कॉलेज, इंजीनियरिंग, कानून और प्रबन्धकीय शिक्षा का बेहतर प्लेटफार्म है। हैल्पलाइन 18001219025 इस पर कोई भी व्यक्ति किसी भी कोर्स के लिए बात कर सकता है। इसमें डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, अण्डर ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट के कोर्स है।
स्वयं के पाठ्यक्रम मुफ्त में उपलब्ध हैं। हालांकि प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाले छात्र पंजीकृत होंगे। पाठ्यक्रम के सफल समापन पर एक प्रमाणपत्र की पेशकश की जाएगी, तो थोड़ा शुल्क कोर्स पूरा होने पर चुकाना होगा। रिकॉर्ड यूजीसी के माध्यम से रखा जा रहा है। एमएचआरडी, अखिल भारतीय तकनीकी परिषद, माइक्रोसॉफ्ट , एआईसीटीई के माध्यम से इसे तैयार किया है। स्कूली, कॉलेज, इंजीनियरिंग, कानून और प्रबन्धकीय शिक्षा का बेहतर प्लेटफार्म है। हैल्पलाइन 18001219025 इस पर कोई भी व्यक्ति किसी भी कोर्स के लिए बात कर सकता है। इसमें डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, अण्डर ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट के कोर्स है।
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बदले समय की बदलती शिक्षा
एक समय था, जब बगैर शिक्षक के बच्चे कक्षा में बेकार बैठे-बैठे समय गंवा देते थे, लेकिन अब तो कोई भी बच्चा केवल इंटरनेट के माध्यम से देश के किसी भी हिस्से से स्वयं की कक्षा में पढ़ाई कर सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का यह चैनल वर्तमान में अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े 670 कोर्स संचालित कर रहा है। मंत्रालय ने इस पोर्टल को एनसीईआरटी के सहयोग से तैयार किया है। जल्द ही 300 ऐसे कोर्स डिजाइन किए जाएंगे जो दस अलग-अलग भाषाओं में होंगे। वर्तमान में देश भर के अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का कार्य भी इसी से शुरू कर दिया है। इसमें करीब 12 लाख शिक्षक अब तक यहां प्रशिक्षण के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
बदले समय की बदलती शिक्षा
एक समय था, जब बगैर शिक्षक के बच्चे कक्षा में बेकार बैठे-बैठे समय गंवा देते थे, लेकिन अब तो कोई भी बच्चा केवल इंटरनेट के माध्यम से देश के किसी भी हिस्से से स्वयं की कक्षा में पढ़ाई कर सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का यह चैनल वर्तमान में अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े 670 कोर्स संचालित कर रहा है। मंत्रालय ने इस पोर्टल को एनसीईआरटी के सहयोग से तैयार किया है। जल्द ही 300 ऐसे कोर्स डिजाइन किए जाएंगे जो दस अलग-अलग भाषाओं में होंगे। वर्तमान में देश भर के अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का कार्य भी इसी से शुरू कर दिया है। इसमें करीब 12 लाख शिक्षक अब तक यहां प्रशिक्षण के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।