ऐसे हुआ 100 देशों में साइबर अटैक; चोरी किया गया था बग

दुनियाभर के 100 देशों में शुक्रवार रात को एक साथ साइबर अटैक

हुआ है। हैकर्स ने सबसे ज्यादा तगड़ा झटका रूस को दिया है। सबसे पहले ब्रिटेन के हेल्थ सिस्टम को बेअसर किया गया और उसके बाद अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय कूरियर सर्विस फेडेक्स के सिस्टम को लॉक कर दिया। साइबर अटैक भारत, स्वीडन, ब्रिटेन और फ्रांस समेत दुनिया के 100 देशों में हुआ। साइबर अटैक के बाग रूस और ताइवान ने कहा कि अटैक के चलते स्थिति और खराब हो सकती है। आपको बता रहा है कि आखिर इतना बड़ा साइबर अटैक हुआ कैसे?

भारत समेत 100 देशों पर साइबर अटैक; हैकर्स ने मांगी फिरौती

क्या कहना है कि विशेषज्ञों का

अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से चोरी किए गए ‘साइबर हथियारों’ की मदद से यह साइबर अटैक हुआ। सबसे पहले स्वीडन, ब्रिटेन और फ्रांस साइबर हमले की चपेट में आए। सुरक्षा सॉफ्टवेयर कंपनी ‘अवैस्ट’ ने बताया कि यह साइबर अटैक मालवेयर वायरस के जरिए हुआ। कुछ ही घंटों में दुनियाभर में 75000 से ज्यादा हमलों का पता चला।

एक लाख कम्युटर सिस्टम प्रभावित

‘मालवेयरटेक’ ट्रैकर ने हमले के बाद 1,00,000 सिस्टमों का पता लगाया जो साइबर अटैक के शिकार हुए हैं। कैस्परस्की लैब के सुरक्षा अनुसंधानकर्ताओं ने ब्रिटेन, रूस, यूक्रेन, भारत, चीन, इटली और मिस्र समेत 99 देशों में 45,000 से अधिक हमले दर्ज किए हैं।

ब्रिटेन में मरीजों को अस्पताल से भेजना पड़ा वापस

साइबर अटैक की चमेट मेें सबसे बुरी तरब से ब्रिटेन आया। यहां कम्प्यूटर के डेटा तक नहीं पहुंच पाने के बाद अस्पतालों एवं क्लीनिकों को मरीजों को वापस भेजना पड़ा। स्पेन में दूरसंचार कंपनी ‘टेलीफोनिया’ समेत बड़ी कंपनियां इस हमले का शिकार हुई।

क्या है रैन्समवेयर

रैन्समवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है। इसकी मदद से कम्प्यूटर में वायरस घुस आता है। यूजर तब तक इसमें मौजूद डेटा तक नहीं पहुंच सकता जब तक कि इसे ‘अनलॉक’ करने के लिए फिरौती ना दी जाए। फिरौती भी बिटकॉइन के जरिए ली जाती है। अगर फिरौती टाइम पर नहीं दी जाती तो राशि बढ़ा दी जाती है।

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