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बच्चे की मौत पर अस्पताल में हंगामा,स्टाफ नर्स निलंबित

बच्चे की मौत पर अस्पताल में हंगामा,स्टाफ नर्स निलंबित

ग्वालियरJan 28, 2019 / 03:52 pm

monu sahu

chiled

बच्चे की मौत पर अस्पताल में हंगामा,स्टाफ नर्स निलंबित

ग्वालियर। प्रसूति गृह में आए दिन देखने को मिल रही लापरवाही की घटनाओं में रविवार की अल सुबह रौन के प्रसूतिगृह में जच्चा की मौत के बाद एक घटना और जुड़ गई। बीते दो महीनों में यह चौथी जच्चा है जिसने प्रसूतिगृह में लापरवाही के चलते जान गंवाई। घटना के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेपीएस कुशवाह ने रौन प्रसूतिगृह की स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया है।रौन क्षेत्र के ग्राम मछण्ड अंतर्गत वार्ड 02 निवासी 21 वर्षीय अंजली शर्मा पत्नी मनोज शर्मा को प्रसव के लिए परिजनों द्वारा 26 जनवरी की शाम 4:20 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रौन के प्रसूतिगृह में दाखिल कराया गया था।
अंजली ने 5:11 बजे बेटे के रूप में शिशु को जन्म दिया। परिजनों के अनुसार एक ही पलंग पर तीन जच्चाओं को लिटाया गया था। ऐसे में कंबल पर्याप्त नहीं होने से प्रसूता ठंड से कांपती रही। हालत बिगडऩे के बाद भी प्रसूतिगृह में तैनात कोई चिकित्सक तथा स्टाफ नर्स उसे देखने नहीं पहुंची। अंतत: अंजली ने 27 जनवरी की अल सुबह 6:25 बजे दम तोड़ दिया।अंजली की मौत के बाद न केवल परिजन बल्कि अन्य स्थानीय लोगों में आक्रोश उत्पन्न हो गया। देखते ही देखते रौन कस्बे के अस्पताल परिसर में भीड़ जमा हो गई।
नारेबाजी के अलावा दोषी चिकित्सक व नर्स के खिलाफ कार्यवाही की मांग लेकर हंगामा शुरू कर दिया गया। आक्रोश बढऩे पर एसडीएम लहार मोहम्मद इकबाल तथा सीएमएचओ डॉ. जेपीएस कुशवाह मौके पर पहुंच गए। दोनों ही अधिकारियों ने हंगामा कर रहे लोगों को समझाइश देते हुए मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
जांच में दोषी पाए जाने पर स्टाफ नर्स हुई निलंबित
प्रसूता की मौत के मामले की जांच में प्रारंभिक तौर पर दोषी पाई गई स्टाफ नर्स अनीता जाटव को सीएमओएच डॉ. जेपीएस कुशवाह ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मौजूद लोगों का कहना था कि यदि नर्स समय पर देखरेख कर लेती तो प्रसूता की जान बचाई जा सकती थी। प्रसूता अंजली की हालत बिगडऩे के दौरान कई बार बुलाने पर भी स्टाफ नर्स अनीता जाटव उसे देखने नहीं पहुंची।
60 दिन के अंदर मेहगांव, गोहद एवं भिण्ड में हुईं तीन मौत
उल्लेखनीय है कि प्रसूति गृह में चिकित्सक तथा स्टाफ नर्स की लापरवाही के चलते दिसंबर 2018 से लेकर 27 जनवरी 2019 तक गोहद, मेहगांव तथा भिण्ड में तीन महिलाओं की मौत हो चुकी है। एक हफ्ते पूर्व मेहगांव में भर्ती कराई गई जच्चा की उसके नवजात बच्चे सहित मौत हो गई थी। उनकी मौत पर भी लोगों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया था।

रौन अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने बदला स्टाफ
खण्ड चिकित्सा अधिकारी रौन डॉ. विजय उदघेटकर को उनके मूल पद पर स्थानांतरित करते हुए उनके स्थान पर डॉ. जेएस राजपूत को बीएमओ के रूप में भेजा गया है। मेडिकल ऑफीसर डॉ. विकास द्विवेदी को हटाकर उनके स्थान पर डॉ. राजेश शर्मा को मेडिकल ऑफीसर बनाया है। इसके अलावा संविदा चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहनीश तोमर को पीएचसी एनो से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अटेर एवं पीएचसी गुहीसर में पदस्थ संविदा चिकित्सक डॉ धीरेंद्र सिकरवार को तीन दिन मिहोना एवं तीन दिन मछण्ड में सेवाएं देने के लिए निर्देशित किया गया है।

“प्रसव कार्य के दौरान लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक या स्टाफ नर्स को बख्शा नहीं जाएगा। रौन में ही प्रसूता की मौत के मामले में स्टाफ नर्स को निलंबित किया गया है। आगे भी सख्ती बरती जाएगी।”
डॉ. जेपीएस कुशवाह,सीएमएचओ जिला अस्पताल भिण्ड
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