खान एवं भू विज्ञान विभाग के निदेशक डीएस मारू ने बताया कि पूर्व दो चरण में बोली जाती थी। प्रथम चरण में आवश्यक दस्तावेज तथा प्रारंभिक बोली ली जाती थी। द्वितीय चरण में ऑनलाइन ऑक्शन होता था। पुरानी प्रक्रिया में बोलीदाता को प्लॉट-वाइज आवेदन शुल्क एवं बिड-सिक्योरिटी जमा करवानी होती थी तथा दस्तावेजों में कमी के कारण कई बोलीदाता अयोग्य भी हो जाते थे एवं द्वितीय चरण में भाग नहीं ले पाते थे।
नए नियमों में बोलीदाता को कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने हैं। केवल एमएसटीसी में रजिस्ट्रेशन करवाकर एक दिन पूर्व तक सीधे ही ऑनलाइन बोली में हिस्सा ले सकेंगे। नई प्रक्रिया में आवेदक की ओर से उक्त शुल्क एक लेम्पस रूप में जमा करवाया जा सकता है एवं इच्छानुसार किसी भी प्लॉट की बोली में हिस्सा लिया जा सकता है। बोलीदाता जिस प्लॉट की बोली में हिस्सा लेगा, उस प्लॉट की निर्धारित लेम्पस राशि में से कट की जाएगी। बोली में हिस्सा नहीं लेने पर जमा राशि रिफंड की जाएगी। बोली छूटने के 15 दिन में उच्चतम बोलीदाता को बोली राशि का 40 प्रतिशत राशि एवं आवश्यक दस्तावेज खनि अभियंता कार्यालय में जमा करवाने होंगे।
नए नियमों में वन टाइम प्रीमियम की बोली
नए नियमों में वन टाइम प्रीमियम की बोली ली जा रही है जबकि पुराने नियमों में रॉयल्टी से अतिरिक्त प्रतिशत की बोली ली जाती थी, जो खनिज निर्गमन अनुसार पूर्ण अवधि तक जमा करवानी होती थी। इसी प्रकार ठेकों की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। ठेकों में भी दस्तावेज केवल उच्चतम बोलीदाता से बोली समाप्ति के 15 दिवस में जमा करवाए जाएंगे एवं वे व्यक्ति जो विभागीय पंजीकृत नहीं हैं, वे भी बोली में भाग ले सकेंगे तथा बोली समाप्ति के 15 दिवस में ठेकेदार का विभागीय पंजीयन प्रमाण पत्र अभियंता कार्यालय में प्रस्तुत कर सकेंगे।
नए नियमों में वन टाइम प्रीमियम की बोली ली जा रही है जबकि पुराने नियमों में रॉयल्टी से अतिरिक्त प्रतिशत की बोली ली जाती थी, जो खनिज निर्गमन अनुसार पूर्ण अवधि तक जमा करवानी होती थी। इसी प्रकार ठेकों की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। ठेकों में भी दस्तावेज केवल उच्चतम बोलीदाता से बोली समाप्ति के 15 दिवस में जमा करवाए जाएंगे एवं वे व्यक्ति जो विभागीय पंजीकृत नहीं हैं, वे भी बोली में भाग ले सकेंगे तथा बोली समाप्ति के 15 दिवस में ठेकेदार का विभागीय पंजीयन प्रमाण पत्र अभियंता कार्यालय में प्रस्तुत कर सकेंगे।