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वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त रेल सुरक्षा बल झांसी के आशीष मिश्रा ने बताया दोनों छात्र आरामिल के निवासी हैं। एक के पिता फोटो स्टूडियो चलाते है दूसरे के ट्रक ड्राइवर हैं। छात्रों को पटरी पर खड़े होकर, ट्रेन में लटककर खतरनाक तरीके से फोटो सेंशन करने का शौक है। इनके वीडियो बनाकर एक दूसरे को पास भी भेजते हैं। इसी शौक से यह ट्रेन में आए दिन जाते थे। इनके मोबाइल से इस तरह के कुछ वीडियो और फोटो भी मिले हैं।
लेकिन घटना के दिन इनका एेसा कुछ इरादा नहीं था। मजाक-मजाक में इन्होंने इस घटना को अंजाम दे डाला। लेकिन सूत्रों की माने तो जिस स्थान पर ट्रेन खड़ी होती है, उससे कुछ दूर इनकी गर्लफे्रंड भी रहती है। रोजाना शाम को उसे देखने जाते थे। तभी नशे की तलब लगी। गर्लफ्रेंड से नजरें बचाकर ट्रेन में सिगरेट पीने चले गए। तभी यह घटना को अंजाम दिया। इस मामले का पर्दाफाश करने में आरपीएफ थाना प्रभारी आनंद पाण्डे, जीआरपी थाना प्रभारी पीएस परिहार के अलावा ग्वालियर और हजीरा थाना पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
यह था मामला: 4 अगस्त की शाम सुशासन एक्सप्रेस के जनरल कोच में आग लगी थी। जब तक रेल सुरक्षा बल का पता चला कोच जल चुका था। इसके बाद फायर बिग्रेड की मदद से आग को काबू कर बाकी कोच जलने से बचाए गए।
कोच हुआ था खाक, डर से चुप रहे घरवाले
एक छात्र ने घटना के बाद घर जाकर पिता को बताया ट्रेन में आग लग गई है। पिता ने पूछा उसे कैसे मालूम तो उसने बहाना बना दिया। उस समय तो बात-आई जाई हो गई। जब पुलिस ने आरामिल से एक लड़के को उठाया तो पिता को शक हुआ। १३ अगस्त की रात बेटे से पूछताछ की तो सच सामने आ गया। चूंकि डर गए थे इसलिए वे चुप रहे।
एेसे पकड़ में आए
सीसीटीवी फुटेज में छात्र ट्रेन में आगजनी के बाद सीसीटीवी पोल के पास से जाते दिखे। पुलिस ने आरामिल से उनके चेहरे से मिलते जुलते लड़के को पकड़ा। पूछताछ की तो मालूम चला वह नहीं था। उसने फोटो देखकर एक लड़के की पहचान कर पुलिस को बताया। इसके बाद एक को दबोचा तो उसने दूसरे साथी का भी नाम बता दिया।