रह रहकर लगी कतारें अल सुबह मंदिरों में कतारे लगने के साथ ही कभी श्रद्धालुओं की भीड़ कम हुई तो कभी बढ़ गई। सुबह ग्यारह बजे बाद भक्तों की संख्या में कमी हुई। इधर शाम को पुन: भक्तों की संख्या में इजाफा होने लगा। एेसे में एक बार
पुन: मंदिरों पर कतारें लग गई।
देवरों पर हुए अनुष्ठान माताजी के साथ ही भैरूजी और अन्य लोक देवताओं के देवरों पर भी नवरात्र के अनुष्ठान शुरू हुए। यहां जवारे बोए गए और हवन पूजन के साथ घट स्थापना हुई। यहां भी भक्तों की खासी भीड़ उमड़ी।
घर-घर हुई पूजा नवरात्र के प्रथम दिन घर-घर में माताजी की पूजा हुई। ड्याढ़ी माता के लिए विविध प्रकार के व्यंजन बनाए गए। इधर कई घरों हवन-पूजन और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। इसके साथ ही नौ दिन के अनुष्ठानों दौर शुरू हो गया।
व्रत उपवास का दौर शुरू नवरात्र को लेकर अधिकांश श्रद्धालु नौ दिन तक व्रत और उपवास रखेंगे। व्रत रखने वाले श्रद्धालु पूरे दिन में एक समय ही भोजन करेंगे। इसी प्रकार कई श्रद्धालु मौन व्रत, और पांव में जूते-चप्पल भी नहीं धारण करते।