सीबीएसई शिक्षण संस्थान के संस्था प्रधान अब नहीं ले सकेंगे बच्चों का दाखिला
फरमान आने के बाद भी औपचारिकता
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से गत 22 जुलाई को प्रदेश के सभी माध्यमिक जिला शिक्षाधिकरियों के नाम निर्देश जारी हुए थे। जारी निर्देश के तहत अब न केवल प्रति सप्ताह अब समीक्षा हुआ करेगी, बल्कि यहां पर कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षाकर्मियों को यथासंभव अन्यत्र भेजने एवं किसी और काम में लगाए जाने से बचने की सलाह माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से दी गई थी। विभागीय जानकारों का कहना है कि निदेशालय स्तर से इस आशय का फरमान आने के बाद भी औपचारिकता में लग गया है। गौरतलब है कि गिनाणी बालिका विद्यालय को जिला मुख्यालय के एकमात्र विद्यालय के तौर पर चयनित करते हुए महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी स्कूल में परिवर्तित कर दिया गया। यहां पर अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने के लिए पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों प्रवेश भी लिए गए। इनकी पढ़ाई भी शुरू हो गई। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से निर्देश मिलने के बाद पहली से लेकर पांचवीं एवं छठी से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों की स्तरीय शैक्षिक गुणवत्ता के संदर्भ में क्या स्थिति रही है, या फिर इन्हें गुणवत्ता प्रदान किए जाने के लिए विभाग की ओर से क्या कदम उठाए गए सरीखे बिंदुओं पर जानकारी का माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारियों के पास समुचित जवाब का अभाव रहा।
मीजल्स-रुबेला टीकाकरण अभियान में घटिया स्तर के सीरींज की आपूर्ति पर उठी उंगलियां
निर्देश के पालना की खानापूर्ति
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार निर्देश के आने के बाद भी अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित हुई इस स्कूल को और गुणवत्तापूर्ण बनाए जाने के लिए विभाग की ओर से कागर कदम उठाने की जगह केवल शिक्षाधिकारी को भेजकर निर्देश के पालना की खानापूर्ति कर ली गई, लेकिन समीक्षा के दौरान क्या स्थितियां रहीं, बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता की स्थिति कक्षानुसार क्या रही, अंग्रेजी माध्यम के अनुकूल बच्चों की स्थिति सकारात्मक रही या फिर नकारात्मक सरीखे विषयों पर तथ्यात्मक रिपोर्ट के बाबत अधिकारी गोलमेल जवाब देकर काम चलाने लगे हैं। शैक्षिक गुणवत्ता को परिपूर्ण किए जाने के लिए विभाग की ओर से उठाए गए आवश्यक कदम क्या रहे विषय पर भी बात करने से माध्यमिक शिक्षा के अधिकारी जवाब देने से बचने लगे हैं। Nagaur latest patrika news