नाहन: इसमें कोई दो राय नहीं है कि ऑरिसन फार्मा कंपनी की कथित चूक की वजह से प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की दिक्कतें बढ़ी हुई हैं।
हालांकि चूक का खमियाजा खुद कंपनी के मालिक के परिवार को भी भुगतना पड़ रहा है। गनीमत यह रही कि बागपशोग के युवक की समय रहते ही रिपोर्ट सामने आ गई। अन्यथा, देरी का बड़ा खमियाजा भुगतना पड़ सकता था।
एक अहम जानकारी के मुताबिक कंपनी को एक नोटिस जारी कर यह पूछा गया है कि बागपशोग के संक्रमित युवक के फैक्टरी में कार्य करने को लेकर कब अनुमति ली गई थी। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि कंपनी का अगर सही जवाब नहीं मिलता है तो एफआईआर भी दर्ज हो सकती है। शुक्र इस बात की भी है कि सोमवार को फैक्टरी खुलने से पहले ही प्रशासन ने एहतियाती कदम उठा लिए थे। शनिवार को फैैक्टरी बंद रखी गई थी। इसी बीच 8 कर्मचारियों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आने से हडकंप मचा। इसका सिलसिला आज भी उस समय जारी रहा, जब वार्ड नंबर-3 की रहने वाली एक महिला कोरोना संक्रमित पाई गई।
जानकारों का कहना है कि जिस तरीके से कंपनी के 10 लोग पाॅजिटिव आए हैं, उससे यह आशंका जताई जा रही है कि सबसे पहले जो भी शख्स संक्रमित होगा, उसमें वायरस का हाई लोड होगा।
बागपशोग के युवक के परिवार का तर्क है कि उसने अपना कोरोना टैस्ट वाॅलिंटियरी करवाया था, वो क्वारंटाइन पर नहीं था। लिहाजा, वो घर आ गया था। सूत्रों की मानें तो आज शाम जब पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम फैक्टरी परिसर का दौरा करने पहुंची तो पाया कि इसका गेट हरियाणा में खुलता है, जबकि फैक्टरी हिमाचल में है। ऐसे में कर्मचारियों व प्रबंधन के आने-जाने को लेकर नजर रख पाना नामुमकिन सा ही था।
बताते चलें कि 8 संक्रमितों में से फैक्टरी मालिक सहित परिवार के कुल तीन सदस्यों को पंचकूला में उपचार दिया जा रहा है, जबकि यमुनानगर व अंबाला में भी उपचाराधीन हैं। सिरमौर प्रशासन को पड़ोसी राज्य हरियाणा के तीन जिलों के उपायुक्त स्तर पर संवाद स्थापित करना पड़ा था।
उधर कालाअंब के इंसीडेंट कमांडर व तहसीलदार नारायण चौहान ने कहा कि फैक्टरी प्रबंधन द्वारा काॅन्टैक्ट व ट्रैवल हिस्ट्री को छिपाया गया है। इसको लेकर अलग से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि तीनों ही इकाईयों को बंद करने के आदेश पारित कर दिए गए हैं। चौहान के मुताबिक बंद की गई इकाईयों में ऑरिसन के अलावा एक्वा पेंरेंटल व रिक्का शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की गाइडलाइन्स के मुताबिक तीनों ही इकाईयों के परिसरों को भी कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा रहा है।