प्रत्याशा: एक पग पथ की ओर: Pratyasha: Ek Pag Path Ki Aor

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 ह्रदय में भाव जगते है तो कलम चलती है, दिन रात उदित रहे, कभी न ये ढलती है

करुणा, हास्य, व्यंग, आदि आभूषण है, इनके सानिध्य कविता जन्मति पलती है।।

हिंदी साहित्य का इतिहास प्राचीनतम है। इसका आरम्भ वैदिक काल से माना जाता है। हिंदी कविता भी लगभग एक हजार वर्ष की यात्रा पूरी कर चुकी है। साहित्य अपने विभिन्न कालो में आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिक काल से अब तक इस लम्बी यात्रा में समय समय पर कालअनुरूप अपनी भाषा के सौंदर्य, शिक्षा, ज्ञान और प्रेरणा से संचित करता आ रहा है।
 

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Contents

Section 1
23
Section 2
32
Section 3
35
Section 4
46
Section 5
50
Section 6
63
Section 7
67
Section 8
74
Section 19
111
Section 20
113
Section 21
117
Section 22
121
Section 23
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Section 24
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Section 25
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Section 26
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Section 9
75
Section 10
78
Section 11
79
Section 12
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Section 13
82
Section 14
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Section 15
93
Section 16
95
Section 17
98
Section 18
103
Section 27
136
Section 28
142
Section 29
145
Section 30
146
Section 31
148
Section 32
149
Section 33
151
Section 34
152
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