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एक चौथाई भी नहीं ले रहे प्रशिक्षण
रविवार को पत्रिका टीम 4.10 बजे शिविर में पहुंची तो वहां गिनती के शिक्षक व शिक्षिकाएं प्रशिक्षण लेते हुए नहीं, बल्कि गप्पें लड़ाते दिखे। टीम ने जब उनका फोटो खींचा तो यह देख सभी वहां से प्रशिक्षण के लिए खिसक लिए। शिविर में 84 में से 23 शिक्षक ही मौजूद थे। इनमें 14 पुरुष शिक्षकों में से 3, 70 महिला शिक्षिकों में से 20 ही उपस्थित थे।
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बहाने कैसे-कैसे
टीम ने जब कम मौजूदगी का कारण पूछा तो शिविर प्रभारी आरपी हरिओम चौधरी ने बड़े दिलचस्प कारण बताए। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षकों की बीएलओ में ड्यूटी है, कुछ बस अभी ही निकलें हैं। आज रविवार है शिविर में रविवार का भी अवकाश नहीं होने से कम लोग पहुंचे हैं। सभी को छुट्टी के दिन कुछ न कुछ काम होता है, इसलिए चले गए। इतना ही नहीं उन्होंने सभी का उपस्थिति रजिस्टर भी दिखाया जिसमें सभी शिक्षकों की उपस्थिति लगी थी, जबकि पांच शिक्षकों का बीएलओ में ड्यूटी होना बताया गया।
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अधिकारी भी ‘ड्यूटी’ कर चले गएरविवार को शिविर में दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक एसीबीईओ महेन्द्र शर्मा भी पहुंचे। उन्हें ना तो शिक्षकों की कमी दिखाई दी, न ही उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर को देखने की जहमत उठाई। उन्होंने शिविर प्रभारी से भी कम संख्या को लेकर कोई बात नहीं की। जब उनसे बात की गई तो उनका कहना था कि मैं शिविर का निरीक्षण करने नहीं गया था। मेरा वहां लेक्चर सेशन था जो देकर आ गया।
शिविर में शिक्षकों को उपस्थित नहीं होने के बावजूद रजिस्टर में हस्ताक्षर होना गंभीर मामला है। प्रशिक्षण शिविर में रजिस्ट्रर में जिसके भी हस्ताक्षर है और वो मौके से गायब है उन्हें नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी।
धनराज मीणा, सीबीईओ, लाडपुरा