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अस्पताल में कोटेज वार्ड, न्यूरोइंटरवेशन लैब, यूरोलॉजी व मेल मेडिकल वार्ड की छतों पर पानी की करीब 15 टंकियां रखी हैं। इनकी काफी समय से सफाई नहीं हुई है। इस कारण इसमें फंगस जम गई है। कई टंकियों के ढक्कन भी टूट चुके हैं। कई टंकियों के ढक्कन गायब हैं। यही पानी मरीज व डॉक्टर उपयोग में ले रहे हैं। फंगस वाला पानी का उपयोग बीमारियों को न्योता दे रहा है। भीषण गर्मी में डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ के लिए वाटर कूलर की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में उन्हें पानी खरीदकर कैम्पर मंगवाना पड़ रहा है।
ये होती हंै बीमारियां
दूषित पानी का स्वास्थ पर बुरा असर पड़ता है। गंदे पानी का उपयोग करने से हैजा, डायरिया, टाइफाइड व अन्य गंभीर बीमारियां होती है। पेट से जुड़ी अधिकांश बीमारियां पानी की खराबी की वजह से होती है।
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संवेदक सफाई नहीं करता है लगाएंगे पैनल्टी
अस्पताल में छतों पर रखी पानी की टंकियों की सफाई नहीं होने का मामला सामने आया था। उसके बाद संवदेक को सफाई के लिए बोला है। उसे पांच दिन का समय दिया है। यदि संवेदक सफाई नहीं करता है तो पैनल्टी लगाई जाएगी। नर्सिंग अधीक्षक को भी सफाई की जिम्मेदारी दे रखी है, लेकिन उन्होंने काम में लापरवाही बरती है। उन्हें भी नोटिस जारी किया जाएगा।
डॉ. नवीन सक्सेना, अधीक्षक, एमबीएस अस्पताल