१-किसी अपरचित व्यक्ति को घर के अंदर न घुसने दे
२-अगर अपरचित व्यक्ति खुद को रिश्तेदार बताता है तो अपने घरवालों से उसके बारे में पूछताछ कर ले
३-बैक के लोग कभी गहने दिखाने के लिए नहीं कहते इसलिए किसी की बातों में न आए
४-अपरचित व्यक्ति पर शक होने पर तुंरत पुलिस को फोन करें या फिर आस-पास पुलिसकर्मी दिखे तो उससे मदद मांगे
मालती के सास-ससुर उनसे अलग रहते हैं। एक दिन पहले ससुर बाबूलाल उनके घर गए थे। उन्होंने सतर्क रहने की उन्हें नसीहत भी दी थी। उन्होंने कहा था कि आजकल का माहौल ठीक नहीं है। हर किसी पर विश्वास न करें। लेकिन मालती उनकी नसीहत को भूल गई।
ठग करीब २० मिनट तक सेल्समैन के घर में रहा। इतने समय में उसने मालती पर विश्वास जमाया। उससे गहने भी मंगा लिए। फिर उसके जाते ही गहने लेकर भाग आया।
मालती को कंट्रोल रूम जाकर फोटेज दिखाए तो वो उस ठग को तुरंत पहचान गई। ठग ने साइकिल उनके घर के पास रोकी फिर अंदर गया। घर से निकलते वक्त जल्दबाजी में भागा। ठग का लंबा कद और रंग सांवला है। काला पेंट और स्काई ब्लू की शर्ट पहने है। वह बहोड़ापुर की तरफ से आया था और जीवाजीगज की तरफ से गया है।
सोने की दो अंगुठी, मंगलसूत्र, कान की वाली, चांदी के के चार सिक्के बीस-बीस ग्राम के, तीन लोंग, चांदी की पायल और बिछिये थे।