एक्ट के विरोध में छह दिन से लगातार सवर्ण-ओबीसी संगठनों द्वारा शहर में प्रदर्शन किया जा रहा है। रविवार को मेला ग्राउंड में शुरू हुई भाजपा की संभागीय बैठक में कई सवर्ण युवा पहुंच गए और प्रदर्शन किया। बैठक स्थल के बाहर इन युवाओं के सामने कुछ नेताओं के साथ जब प्रभात झा पहुंचे तो सभी को काले झंडे और नारेबाजी का सामना करना पड़ा। बाद में उन्हें धिक्कार पत्र दिया।
पुलिस ने बैठक स्थल के बाहर बेरिकेड लगाकर युवाओं को रोक दिया। इसके बाद सभी ने वहीं नारेबाजी शुरू कर दी। लगभग पौन घंटे तक जारी रही नारेबाजी के बाद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा बैठक से बाहर आए और धिक्कार पत्र लिया।
बैठक में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह शामिल नहीं हुए। बताया जा रहा है कि वह ग्वालियर आने की बजाय राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल होने के लिए दिल्ली चले गए हैं।
सांसद अनूप मिश्रा के घर काले झंडे दिखाने पहुंचे लोगों को पुलिस ने सिंधी कॉलोनी के बाहर गली में ही रोक लिया। शोर सुनकर मिश्रा बाहर आए और सभी को घर ले गए। उन्होंने सभी को समोसे खिलाए और धिक्कार पत्र भी लिया।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के पीछे कांग्रेस की दिया सलाई है। उन्होंने कहा कि हम चुरहट गए थे, वहां राहुल भैया के नाम से नारे लगे थे, मुख्यमंत्री पर हमला हुआ था। मैं यह नहीं कहता कि सभी जगह यह हो रहा है, लेकिन जिन चीजों से समाज में चिंगारी लगे, उनसे बचना जरूरी है। वह प्रदर्शनकारियों से धिक्कार पत्र लेने के बाद मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा आंदोलन के पीछे जो दिया सलाई लेकर खड़े हैं, उनसे निवेदन है कि वे समाज को तोडऩे का काम न करें।
संभागीय बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा नेता ध्यानेन्द्र सिंह और सामान्य निर्धन वर्ग आयोग के अध्यक्ष बालेंदु शुक्ला जब मेला ग्राउंड पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया और वापस जाओ के नारे लगाने लगे। कुछ देर बातचीत के बाद भी जब युवा नारे लगाते रहे तो दोनों पूर्व मंत्री बैठक से वापस लौट गए।