An event dedicated to Pakistan's contemporary poetry and Shashank Shukla 'Baaz'
मैं दुश्मनों से अगर जंग जीत भी जाऊँ
तो उनकी औरतें क़ैदी नहीं बनाऊँगा
तहज़ीब हाफ़ी
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में इस वक़्त बहुत आला दर्जे की शायरी हो रही है। युवा शायरों और शायरात ने अलग-अलग ज़ावियों को, तमाम emotions को नए तरीक़े से ग़ज़लों और नज़्मों में ढालने का काम ब-ख़ूबी किया है, और लगातार कर रहे हैं।
शशांक शुक्ला की पहल पर, हम ऐसी शायरी को आपके बीच लगातार लाते रहे हैं।
इस बार हम उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए, Mayday Bookstore की जानिब से, पाकिस्तान की मौजूदा शायरी आपके बीच ले कर आ रहे हैं।
पाकिस्तान से राजनीतिक मसले कब हल हो सकेंगे, इसका ना किसी को अंदाज़ा है न ही शायरी और art इसकी फ़िक्र करते हैं। तो उन सब लकीरों को भुला कर, आइये और शायरी का मज़ा लीजिये।
इस इवेंट में हम पढ़ेंगे पाकिस्तान के युवा शायर-शायरात की नए तरह की शायरी को, और उन पर कुछ बातें करेंगे।
आइये और शामिल हो जाइए शायरी की एक और शाम में।
बाक़ी details जल्द ही साझा की जाएंगी।
ये इवेंट हम dedicate कर रहे हैं शशांक शुक्ला के नाम, जिन्होंने ऐसी महफ़िलों का आग़ाज़ किया था।
Date : 1 december 2019
Time : 1:30 PM- 3:30 PM
Venue : Mayday Bookstore, Shadipur
Contact : Satyam (9711009524)
E-mail :
satyam28sttiwary@gmail.com