सबसे ऊपर होगा सूर्य मंदिर
परशुराम लोक न्यास समिति के सदस्य ने बताया कि मंदिर के सबसे ऊपरी तल पर सूर्य मंदिर होगा। इसके पीछे मान्यता यह है कि सूर्य नवग्रहों के राजा हैं,इसलिए उनका स्थान सबसे ऊपर होना चाहिए। दूसरे तल पर चंद्र, मंगल ,बुध,बृहस्पति,शुक्र, शनि , राहु और केतु ग्रहों के मंदिर होंगे। इसी तल पर देवताओं की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएगी।। साथ ही मंदिर के प्रथम तल पर सत्संग और धार्मिक आयोजनों के लिए एक विशाल हॉल भी बनाया जाएगा।
गुवाहटी में है सबसे बड़ा नवग्रह मंदिर
अभी तक देश के पूर्वोत्तर राज्य असम के गुवाहटी में एशिया का सबसे बड़ा नवग्रह मंदिर है। ग्वालियर से सटे डबरा में इस मंदिर निर्माण पूरा होते ही यह मंदिर पहले नंबर पर आ जाएगा। मंदिर को आम जनता के दर्शनों लिए दिसंबर २०१९ तक खोल दिए जाने की योजना बताई गई है।
2019 तक हो जाएगा तैयार
डबरा में बन रहे मंदिर का निर्माण करवाने वाली संस्था परशुराम लोक न्यास समिति के अनुसार यह मंदिर तीन मंजिला होगा। उन्होंने बताया कि २०१९ तक यह नवग्रह मंदिर बन कर तैयार हो जाने की उम्मीद है। इस मंदिर की ऊंचाई करीब 90 फीट सुनिश्चित की गई है। साथ ही मंदिर के आसपास हरा भरा वातावरण भी रहा गया है।
मंदिर का मुख्य भवन करीब 40 हजार वर्ग फीट में बनाया जा रहा है। इसके लिए राजस्थान के मकराना के कारीगरों की 70 सदस्यीय टीम काम कर रही है। मंदिर का कुल परिसर लगभग 7.5 बीघे में विस्तृत है। इतना ही नहीं परिसर के अंदर फूल-पौधों से सुसजित बाग बनाए जाने की योजना पर भी काम चल रहा है। मंदिर तैयार कर रहे कारीगर दिन रात मंदिर को बनाने में जुटे हुए हैं।
निर्माणाधीन मंदिर से जुड़े है यह भी
डबरा में लगभग 40 हजार वर्ग फीट में बन रहे इस नवग्रह मंदिर की सम्पूर्ण संरचना 108 स्तंभों (पिलर) पर खड़ी होगी। सभी नौ ग्रहों के लिए निर्धारित मंदिरों की दीवारो को ऊॅ की 108 नक्शी से सजाया जाएगा। आपको बता दें कि हिन्दू धर्म में 108 संख्या को काफी शुभ माना गया। साथ ही बताया गया है कि इस मंदिर में अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।