बीते महीने चेताया भी था पर हुआ कुछ नहीं
नगर निगम ने आठ जनवरी को नो वेण्डिग जोन की सूची से आम जनों को सूचित किया कि नो वेण्डिग जोन में किसी भी प्रकार की गतिविधियां संचालित होती है तो कार्रवाई की जाएगी, लेकिन सिवाय नोटिस जारी करने के कुछ नहीं किया।
ऐसे पनपे ठेला माफिया
– ठेले खरीदकर लाते हैं, दिन भर के हिसाब से किराए पर दे देते हंैं।
– दुकानों के बाहर जो ठेले या स्टॉल लगी है उनका किराया वसूला जाता है, जबकि सडक़ तो सार्वजनिक है
– ठेले खरीदने के बाद सडक़ किनारे खड़ा कर कुछ समय बाद ठेले सहित जगह भी बेच देते (यानी उस जगह खड़े रह सकते)
– कुछ लोगों का ठेलों का ही काम है, शाम को जाकर वसूली करते हैं
– नगर निगम वालों को अफसर कहते ठेले हटाए तो नीचे लोग वसूली कर आते
(जैसा पार्षदों ने कहा)
जितने लोग चिन्हित हुए उन्हें लाइसेंस देने की प्रक्रिया चल रही है। हमने टाउन वेडिंग कमेटी के साथ ही एक सब कमेटी भी बनाई, जो वास्तविकता की सुनवाई भी कर रही है। – राकेश पोरवाल, अध्यक्ष, स्वर्ण जयंती रोजगार समिति (नगर निगम)