जसवंतगढ़ निवासी विमल पुत्र भवानी शंकर पालीवाल के नाम से वायरल हुए पत्र में विमल ने संबोधित करते हुए लिखा कि चाटियाखेड़ी निवासी मीठालाल नाम का व्यक्ति कच्छ भुज में एक कंपनी में काम करता है। उस कंपनी का दक्षिण अफ्रीका में सिशल नाम के टापू पर काम है। मीठालाल ने उसे फोन कर बताया कि कंपनी में एक कुक जरुरत है, वह अगर जाना चाहे तो वह उसकी वीजा व टिकट फ्री में करवा देगा। कंपनी की ओर से उसे 40 हजार रुपए माहवार वेतन मिलेगा तथा रहना खाना सब मुफ्त होगा।
READ MORE : उदयपुर में जल्द बदलेगी चिकित्सा की तस्वीर, डेढ़ सौ करोड़ के प्रोजेक्ट का कार्य अंतिम चरण में विमल ने लिखा कि पैसों की आवश्यकता होने पर वह 27 जुलाई को विदेश पहुंच गया। वहां उसे पहले से कुछ लोग काम करते हुए मिले। वहां जाने पर कंपनी ने उसका पासपोर्ट व वीजा ले लिया। 40 हजार वेतन की जगह उसे 25 हजार ही देना बताया। सिर्फ खाना बनाने की बात होने की बावजूद उसे वहां पर बर्तन, साफ सफाई के साथ ही अन्य कार्य करवाकर प्रताडि़त किया गया। जब वापस आना चाहा तो कंपनी ने पासपोर्ट व वीजा लौटाने से साफ इनकार कर दिया। कहा कि वीजा व टिकट के जो डेढ़ लाख रुपए खर्च हुए है वह राशि किसी रिश्तेदार से मंगवा तो उसे जाने दिया जाएगा अन्यथा उसे दो साल वहीं रहकर काम करना होगा।