शिमला : चीन में तेजी से फ़ैल रहे जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर हिमाचल में भी कई अभिभावकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि प्रदेश के हजारों छात्र चीन में एमबीबीएस के अलावा कई अन्य प्रोफेशनल कोर्स की पढाई कर रहे हैं। यही नहीं कई नौजवान चीन में विभिन्न एमएनसी व शिपिंग कंपनियों में नौकरियां कर रहे हैं। देश के एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित खबर से लोगों के होश फाख्ता होने लाजमी हैं। क्योंकि रविवार को राजस्थान के बाद कर्नाटक और बिहार में भी कोरोना वायरस के दो और एक मामले सामने आए हैं। राजस्थान में जो मामला सामने आया है उससे साफ़ पता चलता है कि यह छात्र हाल ही में एमबीबीएस की पढाई समाप्त कर वापिस अपने घर लौटा था।
इस मामले में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि मरीज को तुरंत आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाए। साथ ही परिवार के सदस्यों की जांच की जाए। कोरोना वायरस के संदिग्ध छात्र के नमूनों को पुणे की नेशनल वायरोलॉजी लेबोरेटरी में भेजने के आदेश भी जारी हुए हैं। उधर बिहार की राजधानी पटना में भी एक छात्रा पटना के अस्पताल में भर्ती करवाया जाए। छपरा जिला की रहने वाली यह लड़की हाल ही में चीन से लौटी है। उधर कर्नाटक में एक संदिग्ध मामले में नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है।
वहीं अभी तक हिमाचल में इस बीमारी के लिए प्रदेश सरकार ने कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। प्रदेश के गगल एयरपोर्ट पर तिब्तियों का आना-जाना लगा रहता है। यहां धर्मशाला में तिब्तियों के धर्मगुरु दलाईलामा निवास स्थान है। स्वास्थ्य विभाग ने एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की जांच के लिए अभी तक कोई सूचना जारी नहीं की है। वहीं प्रदेश भर से चीन में पढ़ रहे छात्रों व नौकरीपेशा लोगों के अभिभावकों को इन खबरों के बाद अपने बच्चों की चिंताएं सताने लगी हैं। प्रदेश सरकार ने यदि समय रहते इस गंभीर बीमारी के लिए कोई प्रबंध नहीं किये तो भविष्य में हिमाचल में भी इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं।