।।वो कल मिली थी ।।
कुछ फीकी सी जिंदगी में एक उम्मीद गई थी ।
हां यार वो कल फिर मुझे दिखी थी ।।
रूठकर मिलने और जाने वाले की एक बात पता चली थी ।
वो देखते ही जो रो पड़ी थी ।।
नम्र दिल रूखा अंदाज
हाय ना जाने कैसे निभाती है वो प्यार
की देखकर उसको मेरी दुनिया चल पड़ी थी
हां वो कल फिर मिली थी ।।
किस्से पुराने वो कह चली थी
भूल मुझे वो अपने सपनो में उड़ चली थी ।।
मै आज भी वही बस इंतजार में था ।
हां यही है जो मेरा बेदर्द दिल ले गई थी ।।
की जिसे किसी बात की ना होती थी
वो अब परेशान रहने लगा था
हां यार आज मै भी रो पड़ा था ।।
सुर्ख थी आंखे उसकी मेरी भी लाल हो चली थी
हां वो कल फिर मिली थी ।।
की गलतियां पर मेरी वो मुझसे दूर हो चली थी
यही है जो मेरी जिंदगी को वीरान कर चली थी।।
की अब उसकी यादों में सादिया बीत सी गई है
मेरे घर की डायरी भर सी गई है ।।
मगर मै उसकी बस पाना चाहता हूं
जिंदगी भर उस पर लिखना चाहता हूं ।
मगर कलम भी एक बार फिर रो पड़ी थी
हां वो कल फिर मिली थी।।
की उसके बिन सुना है घर
सारी महफिलें वीरान है
उसकी पहचान बता दू यार
वो मेरी जान है ।।
की अब सदिया बीत गई ,,बात नहीं हो पाती है
जब खुदाई हमसे रूठ सी जाती है
ऐसा लगता है मानो दुनिया वीरान हो चली थी
मगर छोड़ो अब खुश हूं ,, वो कल फिर मिली थी ।।
1 Comments
Superb
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