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रायपुर

फिल्म नहीं हकीकत: पहली बार हुआ ऐसा, जेल में बैठे – बैठे ही चुनाव जीत गया ये कैदी, लगातार दूसरी बार बना सरपंच

पत्नी के मौत के मामले में है बंद, कैदी ने जेल से जीता पंचायत चुनाव,लगातार दूसरी बार की जीत दर्ज।

रायपुरFeb 04, 2020 / 02:34 pm

CG Desk

फिल्म नहीं हकीकत: पहली बार हुआ ऐसा, जेल में बैठे - बैठे ही चुनाव जीत गया ये कैदी, लगातार दूसरी बार बना सरपंच

फिल्म नहीं हकीकत: पहली बार हुआ ऐसा, जेल में बैठे – बैठे ही चुनाव जीत गया ये कैदी, लगातार दूसरी बार बना सरपंच

रायपुर। आपको यह जानकर हैरानी होगी की केंद्रीय जेल में बंद एक विचारधीन कैदी जेल की चार दीवारी से सरपंच चुनाव लड़ा और प्रचंड मतों से जीत भी दर्ज की। पहली बार प्रदेश के पंचायत चुनाव में ऐसा हुआ हैं। जी है यह अनोखा मामला छत्तीसगढ़ का है। प्रदेश के तिल्दा निवासी विचारधीन कैदी नरेंद्र यादव ने पंचायत चुनाव में जेल से ही सरपंच चुनाव लड़ने का मन बनाया और जेल से नामांकन दाखिल किया,जेल में रहते हुए ही चुनाल लड़ा और जब मतगणना हुई तो यह बंदी रिकार्ड मतों से चुनाव जीत गया।
आपको बता दें यह शख्स नरेन्द्र यादव लगातार दूसरी बार अपने गाँव सढ्डू से सरपंच बना है। नरेन्द्र के वकील एनडी मानिकपुरी बताते हैं कि, नरेन्द्र बीते 1 साल से जेल में बंद है। 1 साल पहले उसकी पत्नी सुनीता यादव ने आत्महत्या कर ली थी। सुनीता के पास से सुसाइड नोट बरामद भी हुआ था, जिसमे लिखा था कि वो अपनी मर्जी से यह कदम उठा रही है। इस घटना के बाद मृतका के मायके वालों ने नरेन्द्र और उसके परिवार पर केस कर दिया। पुलिस ने नरेन्द्र के ख़िलाफ़ धारा 304 b आईपीसी 34 के तहत मामला दर्ज कर परिवार के सभी सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। नरेंद्र यादव को छोडकर बाकी परिवार के सदस्य जमानत पर बाहर है। मामले की सुनवाई एडीजे सुरेश जून की कोर्ट में जारी है।
वकील मानिकपुरी के मुताबिक चूंकि नरेंद्र यादव वर्तमान सरपंच था और उसने गाँव में विकास के काफी काम कराया था। इसलिए नरेंद्र जेल में थे तो गाँव वालों ने चुनाव लड़ने के लिए आग्रह किया, तो इसके बाद प्रस्तावक के माध्यम से नामांकन फार्म खरीदा गया। मैंने विधिक रूप से जिला निर्वाचन अधिकारी से अनुमति लेकर नरेन्द्र का नामांकन फार्म भरा था। नतीजा आज सबके सामने है। नरेन्द्र के सामने 4 अन्य उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन विजयी नरेन्द्र ही हुई। कुल 1540 मतदाताओं ने मतदान किया था। इसमें नरेन्द्र को 799 मत मिले। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 291 मतों से हराया। वे लगातार दूसरी बार सड्ढू के सरपंच बने हैं।

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