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कोटा

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हां का केंद्र पर निशाना, धर्म के आधार पर बांटने में जुटी सरकार, सीएए असंवैधानिक

विरोध के स्वर सीएए और एनआरसी के विरोध में दिन भर शहर में घूमी यशवंत सिन्हा की गांधी शांति यात्रा
सिन्हा ने सरकार पर साधा निशाना, बोले रोजी-रोटी के मु²ों से ध्यान भटका कर धर्म के आधार पर बांटने में जुटी सरकार

 

कोटाJan 22, 2020 / 09:22 pm

Rajesh Tripathi

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कोटा. सीएए, एनपीए और एनआरसी के विरोध में गांधी शांति जनजागरण यात्रा लेकर कोटा पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने बुधवार को नागरकिता संशोधन एक्ट की वैधानिकता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सीएए संवैधानिक नहीं है। नियम-कायदे तय किए बिना ही सरकार ने कानून लागू कर दिया। सरकार यह तक तय नहीं कर सकी कि किन दस्तावेजों के आधार पर वह लोगों को नागरिकता देगी। सिन्हा ने कहा कि देश मुश्किलों में फंसा है और केन्द्र सरकार रोजी-रोटी जैसे असल मु²ों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए धर्म आधारित राजनीतिक को तूल दे रही है। धर्म के आधार पर नागरिकता दिया जाना संवैधानिक नहीं है, लेकिन इस मु²े को उछाल कर मोदी सरकार राजनीतिक लाभ लेने के लिए देश और जनता को बांटने की कोशिश में जुटी है।
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नए कानून की जरूरत ही नहीं
सिन्हा ने कहा कि दूसरे देशों के नागरिकों को भारत की नागरिकता देने के लिए देश में पहले से ही कानून मौजूद हैं। इन कानूनों के आधार पर 1964 से 2008 तक चार हजार से अधिक लोगों के नागरिकता दी जा चुकी है। पिछली सरकारों ने भी कई बार संशोधन किए, लेकिन धर्म के आधार पर किसी को नागरिकता देने जैसा विवादित फैसला नहीं किया। यही वजह रही कि उन संशोधनों का कभी विरोध नहीं हुआ। इस बार धार्मिक प्रताडऩा के आधार पर किसी को नागरिकता दिए जाने का प्रावधान जोड़कर केंद्र सरकार ने असंवैधानिक काम तो किया ही है, साथ ही लोगों को बांटने की भी कोशिश की है।
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नहीं दिखाएंगे दस्तावेज
सिन्हा ने कहा कि सरकार ने लोगों की पहचान के आधार कार्ड से लेकर पैन कार्ड, राशन कार्ड तक असंख्य पहचान पत्र लागू कर रखे हैं। जनगणना से लेकर मतदाता पहचान पत्र तक के लिए लोगों की जानकारियां एकत्र की जाती हैं। ऐसे में फिर से नई पहचान और नया आंकड़ा तैयार करने के लिए सरकार जनता का पैसा तो बर्बाद कर ही रही है। इससे जनता में भी भ्रांतियां पैदा हो रही हैं। सरकार की नीयत पर भी शक हो रहा है, इसीलिए वह पहचान के नए दस्तावेज के लिए अपना कोई भी पुराना दस्तावेज नहीं दिखाकर उसका विरोध करेंगे। देश के लोगों को भी इसीलिए जागरुक बनाया जा रहा है।

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