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इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों का बड़े शहरों में हुआ 2.5 गुना विस्तार : रिपोर्ट

बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ढांचागत आधार तैयार करने के लिए चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। ऊर्जा मंत्रालय ने गत 14 जनवरी को ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना से जुड़े दिशानिर्देश एवं संशोधित मानक जारी किए थे।

By Atul YadavEdited By: Published: Sat, 19 Feb 2022 07:35 PM (IST)Updated: Sun, 20 Feb 2022 09:12 AM (IST)
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों का बड़े शहरों में हुआ 2.5 गुना विस्तार : रिपोर्ट

नई दिल्ली, पीटीआई। साल 2021 में ईवी की बिक्री में काफी उछाल दिखाई दिया, वहीं इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां इस साल भी अधिक बिक्री की उम्मीद लगाई बैठी हैं। इसी क्रम में ईवी वाहनों को चार्ज करने के दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है, जिसके चलते देश के नौ बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के चार्जिंग स्टेशनों की संख्या पिछले चार महीनों में ही ढाई गुना तक बढ़ चुकी है।

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मंत्रालय का बयान

ऊर्जा मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता समेत नौ प्रमुख शहरों में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बीते चार महीनों में तेजी से बढ़ी है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की सरकारी नीति के तहत बड़े शहरों में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की कोशिश जारी है।

इस बयान के मुताबिक, अक्टूबर 2021 से लेकर जनवरी 2022 के बीच इन नौ शहरों में 678 अतिरिक्त चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इस तरह इन शहरों में मौजूद सार्वजनिक ईवी स्टेशनों की संख्या बढ़कर 940 हो गई है। देश भर में अब इनकी संख्या करीब 1,640 हो चुकी है।

सरकार ने शुरुआती दौर में 40 लाख से अधिक आबादी वाले बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रोत्साहन देने की नीति अपनाई हुई है। इसी क्रम में बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ढांचागत आधार तैयार करने के लिए चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

ऊर्जा मंत्रालय ने गत 14 जनवरी को ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना से जुड़े दिशानिर्देश एवं संशोधित मानक जारी किए थे। इससे ईवी ढांचा खड़ा करने से जुड़ी स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है।

सरकार ने ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के प्रयास में बीईई, ईईएसएस, पीजीसीआईएल और एनटीपीसी जैसी सार्वजनिक इकाइयों के अलावा निजी कंपनियों को भी अपने साथ जोड़ा है। इससे अधिक बड़े इलाके में ईवी ढांचागत आधार तैयार करने में मदद मिलेगी और वाहन उपभोक्ता इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित होंगे।


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