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हिमाचल: सरकार के खिलाफ ग्रामीणों ने उठाई आवाज, वातावरण खराब करने के जड़े आरोप
Last Updated on May 19, 2022 by Vishal Rana
ऊना। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के उपमंडल मुख्यालय हरोली के ग्रामीणों ने गुरुवार को अपने ही गांव में लगने वाले एक क्रशर उद्योग (Crusher Industry) का विरोध करते हुए डीसी कार्यालय में दस्तक दे दी। ग्रामीणों का आरोप है कि इस उद्योग को स्थापित करने के लिए नियमों को ताक पर रखकर हर चीज की क्लीयरेंस दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वह लंबे अरसे से इस उद्योग का विरोध कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन और सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।
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ग्रामीणों का कहना है कि इस उद्योग के यहां स्थापित होने से गांव के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों को नुकसान होने के साथ-साथ खेती कारोबार प्रभावित होगा। इसके साथ-साथ ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ने वाला है। ग्रामीणों का आरोप है कि मौजूदा सरकार विधानसभा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को मुहैया करवाने की बजाय वातावरण (Environment) को नुकसान पहुंचाने वाले इस प्रकार के उद्योगों को स्थापित करने में तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस उद्योग के यहां पर स्थापित होने से गांव के प्रसिद्ध डेरा बाबा रोटी राम को नुकसान होगा। साथ ही साथ गांव के खेत खलिहान भी बंजर बनने की कगार पर पहुंच जाएंगे। जबकि, ग्रामीणों की सेहत पर भी इससे काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है।
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ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे प्रेम कंवर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि फौरन इस उद्योग को स्थापित करने की अनुमति को रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी ग्रामीण डीसी के माध्यम से सरकार को अपना मांग पत्र भेजेंगे। अगर इसके बाद भी सरकार ग्रामीणों की मांग के अनुसार कार्रवाई अमल में नहीं रखती है तो आने वाले दिनों में ग्रामीणों को इस उद्योग के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
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