नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में दिवाली एक बार फिर से बिना पटाखों वाली होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से दिवाली पर पटाखों पर पाबंदी लगा दी है. यह एलान बुधवार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने किया. गोपाल राय ने ट्वीट कर बताया कि राजधानी में सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लागू किया गया है.
गोपाल राय ने अपने ट्वीट में लिखा, “सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है ताकि लोगों की जान बचाई जा सके. इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी रोक रहेगी. यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2023 तक लागू रहेगा.”
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री के मुताबिक प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और राजस्व विभाग के साथ एक साझा रणनीति तैयार की जा रही है. केजरीवाल सरकार ने पटाखों को बैन करने के पीछे प्रदूषण काे बड़ी वजह बताया है.
सरकार की माने तो दिवाली के समय पटाखों फोड़ने से दिल्ली में बहुत बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैल जाता है, जिसके कारण लोगों को सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है. इसके साथ ही दीवाली के करीब एक सप्ताह तक दिल्ली की हवा बेहद बेहद जहरीली बनी रहती है. इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं. इन्हीं कारणों से पिछले साल भी दिवाली से पहले दिल्ली में पटाखों को बैन कर दिया गया था.
दिवाली पर खतरनाक हो जाती है हवा
दिवाली पर फोड़े जाने वाले पटाखों की वजह से राजधानी की हवा बहुत ही जहरीली हो जाती है. ऐसे में कई बार तो दिल्ली की हालत एक गैस चंबर जैसी हो जाती है, जिसकी वजह से आसपास की हवा और दमघोंटू हो जाती है. दिल्ली की इसी हालत को देखते हुए पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन क्रैकर्स के अलावा बाकी सभी पटाखों पर पाबंदी लगा दी थी.
दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, तांकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) September 7, 2022
तेजी से बढ़ता है प्रदूषण स्तर
साल 2019 में दिवाली से पहले प्रदूषण का स्तर बताने वाला एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 287 पर था, जो दिवाली के बाद बढ़कर 368 हो गया था. ऐसा ही कुछ हाल 2020 में भी देखने को मिला था, जब दिवाली से पहले प्रदूषण का स्तर 339 मापा गया था. दिवाली के बाद प्रदूषण का यह स्तर बढ़कर 435 तक पहुंच गया था. एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने से सांस से संबंधित कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इसके साथ ही आवाज करने वाले पटाखों से बहुत ज्यादा ध्वनि प्रदूषण भी होता है और वह भी लोगों की सेहत के लिए काफी नुकसानदेह है.