विश्वविद्यालय प्रबंधन के अनुसार पत्रकारिता विश्वविद्यालय राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान से 20 करोड़ रुपए का अनुदान मिला है। किश्तों में अब तक विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास लगभग 12 करोड़ रुपए पहुंच चुके हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन अनुदान राशि से परिसर में निर्माण कार्य और नवीनीकरण करा रहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन पर निर्माण कार्य में लेटलतीफी और नवीनीकरण में मनमानी करने का आरोप लगा है।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय का विवादों से पुराना नाता है। विश्वविद्यालय के छात्रावास में कैंटीन संचालक को लेकर विवाद हो चुका है। कुछ दिन पहले हॉस्टल में छात्रों के वर्चस्व को लेकर भी विवाद हुआ था, लेकिन मामला कॉलेज परिसर में ही दब गया। नए कुलपति की ज्वाइनिंग को लेकर भी विश्वविद्यालय में जमकर प्रदर्शन हुआ है। एक तरफ विश्वविद्यालय के छात्र बदबूदार और सीलनभरे कमरों में रहने को मजबूर हैं तो दूसरी ओर कॉलेज प्रबंधन फैकल्टी का केबिन चमकाने में लगा हुआ है।
जिस बिल्डिंग को शिकायतकर्ता कर्मचारी आवास बता रहे है, उसमें छात्राएं ही रहती हैं। कर्मचारी आवास को विश्वविद्यालय प्रबंधन ने गल्र्स हॉस्टल घोषित कर दिया है। विश्वविद्याल को बदनाम करने के लिए कुछ लोग अव्यवहारिक शिकायत कर रहे हैं। अनुदान राशि खर्च करने में किसी भी तरह की मनमानी नहीं की जा रही है।
नरेंद्र त्रिपाठी, प्रभारी रूसा फंड, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि