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रायपुर

फिर विवादों में घिरा पत्रकारिता विश्वविद्यालय,अनुदान राशि के दुरुपयोग का लगा आरोप

– कर्मियों के आवास में छात्राएं, हॉस्टल का पैसा दूसरे निर्माण में। – आरटीआई दस्तावेजों के आधार पर शिकायतकर्ता लगाया आरोप।

रायपुरMar 09, 2020 / 07:15 pm

CG Desk

KTUJM

फिर विवादों में घिरा पत्रकारिता विश्वविद्यालय, अनुदान राशि के दुरुपयोग का लगा आरोप

रायपुर. छत्तीसगढ़ का एकमात्र कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय फिर से विवादों में हैं। केटीयू प्रबंधन पर राज्य सरकार और राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) की अनुदान राशि का दुरूपयोग करने का आरोप लगा है। यह खुलासा आरटीआई के दस्तावेजों से शिकायतकर्ता ने किया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय प्रबंधन ने गल्र्स हॉस्टल की पुताई के नाम पर टेंडर जारी किया है। जबकि, वर्तमान में विश्वविद्यालय परिसर में गल्र्स हॉस्टल है ही नहीं। विश्वविद्यालय में पढऩे वाली छात्राएं कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवास में रह रही है। वहीं, गल्र्स हॉस्टल की जगह का उपयोग शिक्षकों की पार्किग के लिए किया जा रहा है।
20 करोड़ रुपए रूसा से
विश्वविद्यालय प्रबंधन के अनुसार पत्रकारिता विश्वविद्यालय राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान से 20 करोड़ रुपए का अनुदान मिला है। किश्तों में अब तक विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास लगभग 12 करोड़ रुपए पहुंच चुके हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन अनुदान राशि से परिसर में निर्माण कार्य और नवीनीकरण करा रहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन पर निर्माण कार्य में लेटलतीफी और नवीनीकरण में मनमानी करने का आरोप लगा है।
विवादों से केटीयू का पुराना नाता
पत्रकारिता विश्वविद्यालय का विवादों से पुराना नाता है। विश्वविद्यालय के छात्रावास में कैंटीन संचालक को लेकर विवाद हो चुका है। कुछ दिन पहले हॉस्टल में छात्रों के वर्चस्व को लेकर भी विवाद हुआ था, लेकिन मामला कॉलेज परिसर में ही दब गया। नए कुलपति की ज्वाइनिंग को लेकर भी विश्वविद्यालय में जमकर प्रदर्शन हुआ है। एक तरफ विश्वविद्यालय के छात्र बदबूदार और सीलनभरे कमरों में रहने को मजबूर हैं तो दूसरी ओर कॉलेज प्रबंधन फैकल्टी का केबिन चमकाने में लगा हुआ है।
विवि को बदनाम करने की कोशिश
जिस बिल्डिंग को शिकायतकर्ता कर्मचारी आवास बता रहे है, उसमें छात्राएं ही रहती हैं। कर्मचारी आवास को विश्वविद्यालय प्रबंधन ने गल्र्स हॉस्टल घोषित कर दिया है। विश्वविद्याल को बदनाम करने के लिए कुछ लोग अव्यवहारिक शिकायत कर रहे हैं। अनुदान राशि खर्च करने में किसी भी तरह की मनमानी नहीं की जा रही है।
नरेंद्र त्रिपाठी, प्रभारी रूसा फंड, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि
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