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हिमाचल में ठेकेदार हड़ताल पर, पूरे प्रदेश में सरकारी कामकाज ठप
Last Updated on February 7, 2022 by sintu kumar
शिमला/हमीरपुर। पूरे प्रदेश में आज ठेकेदार (Contractors) हड़ताल पर चले गए। इससे सरकार के विकास कार्यों की रफ्तार थम गई। ठेकेदारों ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। इससे हजारों मजदूर (Labour) भी रोजगार से महरूम हो गए है। इसी कड़ी के चलते ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन ने मांगों को लेकर शिमला (Shimla) में पीडब्ल्यूडी कार्यालय के बाहर धरना दिया और अधिशासी अभियंता को मांग पत्र सौंपा प्रदेश कॉन्ट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश कुमार ब्रिज ने कहा कि दिवाली (Diwali) के बाद से ठेकेदारों को उनकी पेमेंट नहीं मिली है, जबकि जीएसटी रीइम्बर्समेंट का मामला भी लटका हुआ है, जिसके कारण काम करना मुश्किल हो गया है। माइनिंग रूल (Mining Rule) के सरलीकरण की भी सरकार से मांग की गई है, लेकिन सरकार कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा रही है, जिससे ठेकेदारों को परेशानी हो रही है।
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सरकार ने अगर मांगें नहीं मानी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। वहीं, हमीरपुर (Hamirpur) में भी ठेकेदार हड़ताल पर चले गए हैं। ठेकेदार यूनियन ने सोमवार अतिरिक्त दंडाधिकारी हमीरपुर के माध्यम से सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा। ठेकेदारों की काम रोको हड़ताल (Strike) से जिला भर में विकास कार्यों में गतिरोध पैदा हो गया है। यदि यह हड़ताल जारी रहती है तो विकास कार्य बुरी तरह से प्रभावित होंगे। ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष एनके शर्मा का कहना है कि सभी क्लास के ठेकेदारों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से सरकार से आग्रह किया जा रहा है कि एमफार्म (Mpharm) और एक्स फॉर्म की प्रक्रिया को सरल किया जाए। इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने हाल ही में सीएम के दौरे के दौरान उन्हें अवगत करवाया थाए लेकिन सरकार द्वारा इस ओर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया। मजबूर अब इन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा है।
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