पहले दौर में टोकन स्ट्राइक के तौर पर दो दिनों तक २ घंटे का कार्य बहिष्कार का निर्णय किया। हालांकि संगठन ने आपात सेवाओं को किसी तरह से बाधित नहीं रखने की भी बात कही है। एेसे में रविवार को दो घंटे के आउटडोर के दौरान मरीजों को देखने वाला कोई नहीं होगा। इनकी सरकार से रुसवाई मरीजों और घायलों पर भारी पड़ रही है। सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के छठे दिन संगठन अध्यक्ष डॉ. लाखन पोसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में महासचिव डॉ. राहुल जैन सहित अन्य मेडिकल टीचर्स ने सरकार पर चिकित्सकों के खिलाफ हठधर्मिता बरतने का आरोप लगाया।
इधर, शनिवार को उपचार के लिए महाराणा भूपाल एवं पन्नाधाय महिला राजकीय चिकित्सालय मरीजों को घंटों तक चिकित्सकों के इंतजार में कतार में खड़ा रहना पड़ा। चांदपोल सेटेलाइट चिकित्सालय में मरीजों को कुछ राहत रही तो हिरणमगरी सेटेलाइट हॉस्पिटल में मरीज परेशानी से जूझते रहे। जिले के अन्य चिकित्सालयों में उधारी के चिकित्सकों एवं आयुष चिकित्सकों के भरोसे मरीजों को खास राहत नहीं मिल रही है।
अदालती आदेश पर नहीं लौटे
दूसरी ओर प्रदेश में लागू रेस्मा के बीच हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद ड्यूटी पर नहीं लौटे चिकित्सकों और रेजिडेंटों पर पुलिस का दबाव बढ़ता जा रहा है। पुलिस चिकित्सकों के निवास की सूची को लेकर रूपरेखा तैयार कर रही है। हालांकि अब तक पुलिस स्तर पर इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है।
पहल से उम्मीद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने चिकित्सकों की सामूहिक हड़ताल को लेकर रविवार को
जयपुर में अरिस्दा कोर कमेटी के पदाधिकारियों के साथ बैठक तय की है जिससे गिरफ्तारी से बचते फिर रहे चिकित्सकों ने कुछ राहत महसूस की है।